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Dussehra 2022 Date: कब है दशहरा? नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Dussehra 2022: हर साल नवरात्रि के नौ दिन बाद दशमी तिथि को दशहरा का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 5 अक्टूबर 2022 को दशहरा मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म में इसे अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक के त्योहार के रूप में मनाते हैं।

Sep 30, 2022 / 11:48 am

Tanya Paliwal

Dussehra 2022 Date: कब है दशहरा? नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Dussehra 2022 Date, Shubh Muhurat And Puja Vidhi: हिन्दू धर्म में दशहरा का त्योहार बहुत धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे अश्विन मास में नवरात्रि के बाद दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला जलाया जाता है। साथ ही मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन भी इसी दिन किया जाता है। इस साल बुधवार, 5 अक्टूबर को विजयादशमी या दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम ने इसी दिन रावण की चंगुल से माता सीता को छुड़वाकर उसका वध किया था। इस कारण यह त्योहार बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक माना जाता है। अब आइए जानते इस साल दशहरा पर्व का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…

दशहरा 2022 शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, इस साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 4 अक्टूबर 2022, मंगलवार को दोपहर 02:20 बजे से शुरू होगी और इसका समापन 5 अक्टूबर 2022, बुधवार को दोपहर 12 बजे होगा। वहीं ज्योतिष अनुसार उदयातिथि पर दशहरा 05 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।

श्रवण नक्षत्र- 4 अक्टूबर 2022 को रात 10:51 बजे से 5 अक्टूबर 2022 को रात्रि 09:15 बजे तक
अमृत काल मुहूर्त- 5 अक्टूबर 2022 सुबह 11:33 बजे से दोपहर 01:02 बजे तक

दशहरा पूजन विधि

दशहरा वाले दिन सुबह जल्दी उठें। इसके बाद अपने नित्य कार्यों से निपटकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर चूने से दशहरा की प्रतिमा बनाएं। साथ ही गाय के गोबर से नौ कंडे बनाएं। गोबर के सभी कंडों पर पर दही तथा जौ लगा दें। इसके बाद गोबर से दो कटोरियां बनाकर एक कटोरी में कुछ सिक्के और दूसरी कटोरी में रोली, अक्षत, फूल, फल तथा जौ डाल दें। तत्पश्चात बनाई हुई दशहरे की प्रतिमा पर गुड़, केला, चावल, मूली और ग्वारफली अर्पित करें। फिर मूर्ति के सामने धूप-दीप जलाएं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन काम से जुड़े बहीखाता की भी पूजा करना शुभ होता है। इसके लिए अपने बहीखाते पर भी जौ, रोली, चावल इत्यादि चढ़ाएं। वहीं मान्यता है कि दशहरे वाले दिन जरुरतमन्द लोगों और ब्राह्मणों को भोजन कराकर सामर्थ्य अनुसार दान देने से जीवन में शुभता आती है। दशहरा पूजन के बाद घर के सभी बड़ों का आशीर्वाद लें।

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