29 जून तक ही होंगे मांगलिक कार्यक्रम
देवशयनी एकादशी के साथ ही आने वाले पांच माह तक विवाह, गृहप्रवेश सहित बड़े मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। देवशयन के कारण मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इसके बाद देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो पाएगी। अभी विवाह मुहूर्त 29 जून तक जारी रहेंगे।
देवशयनी एकादशी के साथ ही आने वाले पांच माह तक विवाह, गृहप्रवेश सहित बड़े मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। देवशयन के कारण मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इसके बाद देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो पाएगी। अभी विवाह मुहूर्त 29 जून तक जारी रहेंगे।
साधु-संत करेंगे साधना
देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास माना जाता है। इस दौरान साधु, संत, सन्यासी भी एक ही स्थान पर रहकर साधना में रत रहेंगे। परम्परा अनुसार देवशयनी एकादशी पर सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार माह तक क्षीर सागर में विश्राम करते हैं, इस दौरान सृष्टि की बागडोर भगवान भोलेनाथ संभालते हैं।
देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास माना जाता है। इस दौरान साधु, संत, सन्यासी भी एक ही स्थान पर रहकर साधना में रत रहेंगे। परम्परा अनुसार देवशयनी एकादशी पर सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार माह तक क्षीर सागर में विश्राम करते हैं, इस दौरान सृष्टि की बागडोर भगवान भोलेनाथ संभालते हैं।
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16 अगस्त तक पुरुषोत्तम मास, पांच महीनों में कई त्योहार
देवशयनी एकादशी से देव उठनी एकादशी तक कई प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे। 4 जुलाई से सावन माह की शुरुआत होगी, इसी बीच 18 जुलाई से 16 अगस्त तक पुरुषोत्तम मास भी रहेगा और सावन माह का विराम 31 अगस्त को होगा। इस तरह इस बार सावन लगभग दो माह का होगा। भगवान का विश्राम 23 नवम्बर देवउठनी एकादशी के साथ समाप्त होगा। इस तरह लगभग पांच माह तक भगवान विश्राम करेंगे। इस बीच कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे….
16 अगस्त तक पुरुषोत्तम मास, पांच महीनों में कई त्योहार
देवशयनी एकादशी से देव उठनी एकादशी तक कई प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे। 4 जुलाई से सावन माह की शुरुआत होगी, इसी बीच 18 जुलाई से 16 अगस्त तक पुरुषोत्तम मास भी रहेगा और सावन माह का विराम 31 अगस्त को होगा। इस तरह इस बार सावन लगभग दो माह का होगा। भगवान का विश्राम 23 नवम्बर देवउठनी एकादशी के साथ समाप्त होगा। इस तरह लगभग पांच माह तक भगवान विश्राम करेंगे। इस बीच कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे….
● 03 जुलाई गुरु पूर्णिमा
● 04 जुलाई सावन माह की शुरुआत
● 18 जुलाई अधिकमास प्रारंभ
● 21 अगस्त नागपंचमी
● 30 अगस्त रक्षाबंधन
● 07 सितम्बर कृष्ण जन्माष्टमी
● 18 सितम्बर हरतालिका तीज
● 19 सितम्बर गणेश उत्सव प्रारंभ
● 15 अक्टूबर शारदीय नवरात्र
● 24 अक्टूबर विजयादशमी
● 28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा
● 01 नवम्बर करवा चौथ
● 12 नवम्बर दिवाली
● 23 नवम्बर देवउठनी एकादशी
● 04 जुलाई सावन माह की शुरुआत
● 18 जुलाई अधिकमास प्रारंभ
● 21 अगस्त नागपंचमी
● 30 अगस्त रक्षाबंधन
● 07 सितम्बर कृष्ण जन्माष्टमी
● 18 सितम्बर हरतालिका तीज
● 19 सितम्बर गणेश उत्सव प्रारंभ
● 15 अक्टूबर शारदीय नवरात्र
● 24 अक्टूबर विजयादशमी
● 28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा
● 01 नवम्बर करवा चौथ
● 12 नवम्बर दिवाली
● 23 नवम्बर देवउठनी एकादशी