पुष्य नक्षत्र पर खरीदारी के लिए बाजार सजकर तैयार हैं। ज्योतिषियों के अनुसार पुष्य नक्षत्र की शुरुआत शुक्रवार शाम 4.40 बजे से होगी, जो अगले दिन शनिवार शाम तक रहेगा। इस तरह शनिवार को तो दिनभर पुष्य नक्षत्र रहेगा। ऐसे में लोगों को खरीददारी के लिए खासा समय मिल गया है।
पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनिदेव हैं जोकि स्थायित्व के प्रतीक हैं। शनि न्याय के देवता होने के साथ ही स्थिरता के भी कारक ग्रह हैं। शनि का नक्षत्र होने से ही पुष्य नक्षत्र में किए गए काम या खरीदारी में सफलता व स्थिरता की संभावना अधिक होती है। यही वजह है इस योग में लोग मूल्यवान चीजों और जमीन—जायदाद—मकान—दुकान आदि की खरीदारी करते हैं।
शुक्र व शनि पुष्य में खरीदी के मुहूर्त
इलेक्ट्रिक आइटम, ज्वैलरी आदि की खरीदारी के लिए शुक्रवार शाम 5:50 बजे से रात 11:20 तक का समय श्रेष्ठ है। चल-संपत्ति, वाहन आदि के लिए शनिवार को सुबह 11:00 से 1:03 बजे तक तथा 2.00 बजे से शाम 4.50 बजे तक का शुभ मुहूर्त है।
पुष्य नक्षत्र में शुक्रवार को व्यापारियों को बेहतर ग्राहकी की उम्मीद है। ऐसे में ग्राहकों के लिए बाजार सज गए हैं। इलेक्ट्राॅनिक शो-रूम, कपड़ा बाजार सजकर तैयार हैं। वाहनों के शो-रूम पर भी खासी गहमागहमी है। सराफा बाजार में सबसे ज्यादा ग्राहकी की उम्मीद के कारण अधिक रौनक देखी जा रही है।