धर्म और अध्यात्म

धर्म-अध्यात्म के बाद अब ज्योतिष पर बोले फिल्म एक्टर आशुतोष राणा, जानें क्या है Astrology पर इनकी राय

ज्योतिषीय ज्ञान और ज्योतिष के सिद्ध होने में अंतर…

Jun 26, 2021 / 07:19 pm

दीपेश तिवारी

Ashutosh rana comments on astrology

आज के दौर में जहां व्यक्ति ज्योतिष jyotish से अछूता नहीं है, वहीं इसे मानने को भी पूरी तरह से तैयार नहीं है। Celestial events खगोलीय घटनाओं के मानव जीवन पर प्रभाव को लेकर भी कई तरह से सवाल उठते ही रहते हैं। समाज का कोई भी व्यक्ति चाहे वो नेता हो अथवा अभिनेता या सामान्य जन लगभग सभी किसी न किसी रूप में Astrology ज्योतिष को अपने जीवन में शामिल करते हैं।

वर्तमान में Film Actor फिल्म एक्टर आशुतोष राणा कई कार्यक्रमों में Dharma धर्म से जुड़ी ओजस्वी बातें करते हुए भी दिखते हैं। जिनमें वे कई धार्मिक पुस्तकों सहित कई चीजों को कविता में गाते भी दिखते हैं। ऐसे में Ashutosh Rana आशुतोष राणा आज कल धर्म कर्म और ज्योतिष को लेकर Social Media सोशल मीडिया में काफी एक्टिव हैं। अब उन्होंने ज्योतिष पर भी अपनी राय व्यक्त की है। जिसमें ज्योतिष को लेेकर फिल्म एक्टर आशुतोष राणा के अपने ही विचार हैं।

Must read- आदि पंचदेव: पूजा में रखें इन खास बातों का ध्यान

Ashutosh Rana’s opinion on astrology- ज्योतिष पर आशुतोष राणा की राय

उनके अनुसार यदि हम यत्पिण्डे तत् ब्रम्हांड या यतपिण्ड तत्पिण्डे के सूत्र को मान लें, इसका अर्थ है कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड एक दूसरे से गहराई से जुड़ा हुआ है, तो निश्चित ही खगोलीय घटनाओं का Planet effects मानव जीवन पर भी प्रभाव पड़ेगा? यह ठीक वैसा ही है जैसे हमारे परिवार में होने वाली कोई भी घटना पूरे परिवार को प्रभावित करती है और परिवार का प्रत्येक सदस्य अपने स्वभाव के अनुसार प्रतिक्रिया करता है।
राणा के अनुसार Astrology ज्योतिष एक ऐसा विषय है जिसके माध्यम से व्यक्ति, संसार, चर-अचर आदि पर खगोलीय घटनाओं के प्रभाव को जानने, समझने, अनुमान लगाने का प्रयास कई ज्योतिष के जानकार करते हैं। चूंकि ब्रह्मांड का विस्तार अनंत है, इसलिए यह स्वाभाविक है कि Jyotish ज्योतिष का विस्तार भी अनंत होगा क्योंकि यह ग्रहों, सितारों से संबंधित है।
Must read- Indian Jyotish: कोरोना को लेकर नया धमाका- ज्योतिष गणनाओं में सामने आई ये नई बात…

corona-future-astrology.jpg

इसलिए ज्योतिष को पूर्व के विद्वानों ने ज्ञान, विज्ञान, कला और सिद्धि की मान्यता दी है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे साक्षर होने का मतलब शिक्षित होना नहीं है, शिक्षित होने का मतलब ज्ञानी होना नहीं होता, जो ज्ञानी हैं आवश्यक नहीं, वे Scientists विज्ञानी भी हों ?, जो विज्ञानी हैं वे ज़रूरी नहीं की ध्यानी भी हों, जो ध्यानी हैं अनिवार्य नहीं की वे धारण कर पाने में भी सक्षम हो व जो धारणा तक पहुंच गए हैं आवश्यक नहीं की वे समाधि को भी उपलब्ध हो गए हों ? ऐसे ही ज्योतिषिय ज्ञान होने और ज्योतिष सिद्ध होने में भी अंतर होता है।

जैसे साक्षरता से समाधि तक का सफर जीवन के अलग-अलग पड़ाव हैं, वैसे ही ज्योतिष में भी ज्ञान, विज्ञान, कला और सिद्धि के विभिन्न स्तर हैं, जिन्हें हम शायद एक मानकर भूल कर लेते हैं और परिणामस्वरूप हम पूरे विषय पर सवाल उठाते हैं, जो नीतिपूर्ण नहीं है।

कभी-कभी कई कुशल डॉक्टरों के पास दवा नहीं होती है तो हम डॉक्टर बदलते हैं पूरे Medical Science चिकित्सा विज्ञान को अस्वीकार नहीं करते? कुशल इंजीनियरों के कई प्रयोग विफल हो जाते हैं, कुशल समाजशास्त्री, राजनेताओं का अनुमान विफल हो जाता हैं, प्रसिद्ध स्टॉक ब्रोकरों का गणित टूट जाता है।

Must read- चीन पर आ रहा है शनि का साया, जानें किस ओर है ग्रहों का इशारा

saturn_effect_china.jpg

लेकिन फिर भी हमारा विश्वास विश्वास यंत्र विज्ञान, तंत्र विज्ञान, शेयर बाजार पर बना रहता है, लेकिन जब ज्योतिष की बात आती है, तो हम एक ज्योतिषी की विफलता को Jyotish Shastra ज्योतिष की विफलता मानकर पूरे ज्योतिष विज्ञान को नकारते देते हैं और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं।

जबकि हमें यह याद रखना चाहिए कि किसी भी वैज्ञानिक विषय के दो भाग होते हैं-सिद्धांत पक्ष और व्यवहार पक्ष (प्रयोग)।

वहीं कुछ ज्योतिषी केवल सिद्धांतों पर ही अटके रहते हैं इसलिए उनकी astrological announcements ज्योतिषीय घोषणाएं विषय के सैद्धांतिक पक्ष को ध्यान में रखकर की जाती हैं और कुछ केवल प्रयोग (व्यवहार पक्ष) को ध्यान में रखकर भविष्यवाणियां करते हैं। जबकि विज्ञान सिद्धांत और व्यवहार के सुंदर संतुलन का नाम है।

स्वभावगत मनुष्य या तो अतीत में रहता है या भविष्य में, इसलिए हमारा सामाजिक ढाँचा परम्पराओं और योजनाओं पर आधारित है। इस सत्य को हम जानते हैं की कितना ही शक्तिशाली व्यक्ति क्यों न हो वह अपना अतीत नहीं बदल सकता है, लेकिन वह अपना future improvement भविष्य सुधार सकता है, इसलिए हम ज्योतिषियों के पास जाते हैं ताकि हमें दिशा-निर्देश मिल सके की हमें वर्तमान में क्या करना चाहिए जिससे हमारा भविष्य स्वर्णिम हो सके?

Must read- मदमस्त राहु का इस साल (2021-22) भारत पर असर

rahu_effect_india.jpg

यदि आप किसी सिद्ध ज्योतिषी से नहीं मिल पाते हैं, तो उन ज्योतिषियों के पास जाने का प्रयास करें जो निपुण हों और जो principles of astrology ज्योतिष के सिद्धांतों और व्यवहार दोनों पक्षों के साधक हों, जिनके पास अनुभव और पर्याप्त समय का एक विशाल धन है।
मान लीजिए यदि ऐसे किसी ज्योतिषी से आपका सम्पर्क नहीं होता है ! तब भी आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है।

एक्टर राणा के अनुसार यह मेरा ही नहीं बल्कि मेरे जैसे कई लोगों का अनुभवी सत्य है कि सभी प्रकार की बिगड़ी को बनाने की शक्ति ‘कृपा’ में होती है। तो सेवा, समर्पण, सद्भाव के मार्ग पर शालीनता से चलते हुए किसी सिद्ध संत, अपने गुरुदेव, अपने माता-पिता, सज्जन मित्र या मालिक ( परमपिता परमात्मा ) की कृपा प्राप्त करने का प्रयास कीजिए, ये सभी कृपा का भंडार होते हैं इसलिए इन्हें कृपानिधान भी कहते हैं। “जा पर कृपा प्रभु की होई, ता पर कृपा करें सब कोई।”

संबंधित विषय:

Hindi News / Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / धर्म-अध्यात्म के बाद अब ज्योतिष पर बोले फिल्म एक्टर आशुतोष राणा, जानें क्या है Astrology पर इनकी राय

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.