योग- सूर्योदय से प्रात: 10.27 मि. तक विष्कुम्भ योग पश्चात प्रीति योग लगेगा। विष्कुम्भ योग के स्वामी यमदेव हंै जबकि प्रीति योग के स्वामी विष्णु भगवान माने गए हैं।
विशिष्ट योग- विष्कुम्भ को एक अशुभ योग माना गया है। विष्कुम्भ योग के प्रथम 03.00 घंटे का समय शुभ कार्यों के लिए त्याग करना चाहिए। प्रीति योग में कोई भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
करण- सूर्योदय से प्रात: 10.01 मि. तक विष्टि नामक करण रहेगा पश्चात बव नामक करण लगेगा। इसके पश्चात बालव नामक करण लगेगा।
नक्षत्र- सूर्योदय से सायं: 06.47 मि. तक चर चल शतभिषा नक्षत्र रहेगा पश्चात उग्र क्रूर पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र लगेगा। मशीनरी लगाने, रोजगार, व्यवसाय, वाणिज्य, व्यावसायिक विज्ञापनों के लिए शतभिषा नक्षत्र अच्छे माने गए हैं। मकान, दुकान, मठ, मंदिर, रेललाइन, गुफा, छत, कुआं, सडक़ और जल संबंधी कार्य शतभिषा एवं पूर्वा भाद्रपद दोनों नक्षत्र में करना शुभ रहता हैं।
शुभ मुहूर्त – अनुकूल समय में नए घर हेतु भूमि पूजन करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
चौघडिय़ा के अनुसार समय – प्रात: 05.42 मि. से 10.43 मि. तक क्रमश: चंचल लाभ व अमृत के चौघडिय़ा रहेंगे। दोप. 12.24 मि. से 02.04 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा एवं दोप. 05.25 मि. से
सायं: 07.05 मि. तक चंचल का चौघडिय़ा रहेगा।
चंद्रमा – सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक चंद्रमा वायु तत्व की कुंभ राशि में रहेंगे।
भद्रा – प्रात: 10.01 मि. पर समाप्त भद्रा का निवास भूलोक में रहेगा
पंचक – पंचक जारी रहेंगे।
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में। (अगर हो सके तो आज के दिन पश्चिम दिशा में यात्रा को टालना चाहिए)।
राहु काल – प्रात: 10.43.54 से दोप. 12.24.13 तक राहु काल वेला रहेगी। अगर हो सके तो इस समय में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
आज जन्म लिए बच्चे- आज जन्म लिए बच्चों के नाम (सी, सू, से, सो) अक्षरों पर रख सकते हैं। आज जन्मे बच्चों का जन्म तांबे में पाए में होगा। सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक कुम्भ राशि रहेगी।
आज जन्म लिए बच्चे शरीर से प्रतिभाशाली होंगे। सामान्यत: इनका भाग्योदय करीब 20 वर्ष की आयु में होगा। भ्रमण करने के शौकिन होंगे। ऐसे जातक राजकीय कार्यों में तरक्की करेंगे। जीवन में अनुशासन व दण्ड के प्रबल हिमायती होंगे। कुंभ राशि में जन्मे जातक को अत्यधिक वस्तु संग्रहण से बचना चाहिए। प्रत्येक जगह चतुरता दिखाने से बचना चाहिए।