शुक्राचार्य महर्षि भृगु के पुत्र थे। इन्हें दैत्यों का गुरु भी कहा जाता है। आज हम आपको शुक्रनीति में से कुछ ऐसी बातों के बारे में बताएंगे, जिन्हें ध्यान में रखकर किसी भी परेशानी से बचा जा सकता है। तो आइए जानते हैं शुक्रनीति के कुछ ऐसे ही नीतियों के बारे में…
नीति: दीर्घदर्शी सदा च स्यात, चिरकारी भवेन्न हि शुक्रनीति के अनुसार, हर इंसना को भविष्य की योजनाएं अवश्य बनाना चाहिए लेकिन उसे यह भी ध्यान रखना चाहिए जो वह कार्य कर रहा है उसका परिणाम भविष्य में क्या होगा। गुरु शुक्राचार्य कहते हैं कि जो काम आज करना है, आज ही करें। उसे कल पर कभी न टालें।
नीति: यो हि मित्रमविज्ञाय यथातथ्येन मन्दधिः। मित्रार्थो योजयत्येनं तस्य सोर्थोवसीदति
गुरु शुक्राचार्य कहते हैं कि बिना सोचे-समझे किसी से भी मित्रता नहीं करना चाहिए। गुरु शुक्राचार्य के अनुसार, ये आपके लिए कई बार हानिकारक भी हो सकता है, क्योंकि मित्रता बनाने के लिए हमें सामने वाले के गुण-अवगुण, उसकी अच्छी-बुरी आदतें जरूर जानना चाहिए क्योंकि सामने वाला के गुण-अवगुण हम पर असर डालती है।
गुरु शुक्राचार्य कहते हैं कि बिना सोचे-समझे किसी से भी मित्रता नहीं करना चाहिए। गुरु शुक्राचार्य के अनुसार, ये आपके लिए कई बार हानिकारक भी हो सकता है, क्योंकि मित्रता बनाने के लिए हमें सामने वाले के गुण-अवगुण, उसकी अच्छी-बुरी आदतें जरूर जानना चाहिए क्योंकि सामने वाला के गुण-अवगुण हम पर असर डालती है।
नीति: नात्यन्तं विश्वसेत् कच्चिद् विश्वस्तमपि सर्वदा
शुक्र नीति के अनुसार, आप किसी व्यक्ति पर विश्वास करें, लेकिन उसकी सीमा होनी चाहिए। गुरु शुक्राचार्य कहते हैं कि किसी पर भी हद से ज्यादा विश्वास करना आपके लिए घातक हो सकता है, क्योंकि कई लोग भरोसेमंद होने का दावा तो करते हैं लेकिन अंदर-अंदर ही आपसे बैर रखते हैं।
शुक्र नीति के अनुसार, आप किसी व्यक्ति पर विश्वास करें, लेकिन उसकी सीमा होनी चाहिए। गुरु शुक्राचार्य कहते हैं कि किसी पर भी हद से ज्यादा विश्वास करना आपके लिए घातक हो सकता है, क्योंकि कई लोग भरोसेमंद होने का दावा तो करते हैं लेकिन अंदर-अंदर ही आपसे बैर रखते हैं।
नीति: धर्मनीतिपरो राजा चिरं कीर्ति स चाश्रुते गुरु शुक्राचार्य कहते हैं कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का सम्मान और उसकी बातों का पालन करना चाहिए क्योंकि धर्म ही मनुष्य को सम्मान दिलाता है। गुरु शुक्राचार्य के अनुसार, धर्म की राह पर चलने वाला इंसान कभी हार नहीं सकता है।
नीति: त्यजेद् दुर्जनसंगतम् गुरु शुक्राचार्य के अनुसार, बुरे काम करने वाले इंसान से दूर रहना ही बेहतर होता है। गुरु शुक्राचार्य कहते हैं कि बुरे काम करने वाला व्यक्ति कितना भी प्रिय क्यों न हो, उसे छोड़ देना ही बेहतर होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो उसकी वजह से आप मुसीबत में फंस सकते हैं।