इसके साथ ही बुध ग्रह से जुड़ी हर समस्या के निदान में भगवान गणेश की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है।
कहा जाता है कि जीवन में जब हर ओर दुख हो, संकट हो और बाहर आने का कोई मार्ग न दिखे तो गौरीपुत्र गजानन की आराधना बहुत जल्द फल प्रदान करती है।
वहीं मान्यता के अनुसार देवता भी अपने कार्यों की बिना किसी विघ्न से पूरा करने के लिए गणेश जी की अर्चना सबसे पहले करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि देवतों ने स्वयं उनकी अग्रपूजा का विधान बनाया है।
श्री गणेश की पूजा के संबंध में पंडित एसके उपाध्याय का कहना है कि भगवान गणेश की सात्विक साधनाएं हमेशा ही अत्यंत सरल और प्रभावशाली होती है। इनमें जहां अधिक विधि-विधान की ज्यादा जरूरत नहीं होती, वहीं केवल मन में भाव होने मात्र से ही गणेश अपने भक्त को हर संकट से उबार लेते हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग दिखाते हैं।
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पं. उपाध्याय के अनुसार ऐसे में श्री गणेशजी के कुछ प्रमुख मंत्रों को अति विशेष माना गया है। इन मंत्रों को लेकर ये तक मान्यता है कि यदि कोई जातक इन मंत्रों का नियमित रूप से सात दिन तक जाप कर लेता है तो उसकी किस्मत में चमत्कारिक बदलाव तक देखने को मिलने लगते हैं।
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ऐसे में तीन प्रमुख मंत्र का जाप जातक को भगवान श्री गणेश के साप्ताहिक दिन बुधवार से शुरु करने की मान्यता है, तो आइये जानते हैं उन मंत्रों के बारे में जिनको लेकर ये मान्यता है कि ये मात्र 8 से 11 दिन में आपकी किस्मत बदल देंगे।
गणेश गायत्री मंत्र :
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
यह गणेश गायत्री मंत्र है। इस मंत्र का हर रोज 108 बार शांत मन से जप करने से गणेशजी की कृपा होती है। माना जाता है कि लगातार नियमित 11 दिन तक गणेश गायत्री मंत्र का जप करने से गणेशजी की विशिष्ट कृपा होती है और हर कार्य अनुकूल सिद्ध होने लगता है। यह भी माना जाता है कि इस मंत्र के जप से जातक का भाग्य चमक जाता है।
तांत्रिक गणेश मंत्र
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति। करों दूर क्लेश।।
यूं तो यह एक तांत्रिक मंत्र है जिसकी साधना में कुछ खास चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। मान्यता के अनुसार हर रोज नियमित रूप से सुबह महादेवजी, पार्वतीजी तथा गणेशजी की पूजा करने के बाद इस मंत्र का 108 बार जाप करने व्यक्ति की समस्त परेशानियां तुरंत खत्म हो जाती हैं।
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वहीं धन, धान्य, संपत्ति, समृद्धि, खुशियां, वैभव, पराक्रम, विद्या और शांति की प्राप्ति होती है। लेकिन इस मंत्र के प्रयोग के समय व्यक्ति को पूर्ण सात्विकता रखनी होती है और क्रोध, मांस, मदिरा, परस्त्री से संबंधों से दूर रहना होता है।
गणेश कुबेर मंत्र
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।।
यदि व्यक्ति अत्यधिक आर्थिक परेशानियों में फंस जाए और उनसे बाहर निकलने का कोई मार्ग न मिल रहा हो। तब गणेशजी की पूजा करने के बाद गणेश कुबेर मंत्र के नियमित जाप से जातक के जीवन में खुशियां दस्तक देने लगती है। मान्यता के अनुसार यह मंत्र अपार लक्ष्मी देने वाला है, जो धन के नवीन स्त्रोत प्रदान करता है।