मान्यता है इस दिन माता सीता और भगवान राम की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। जो भक्त जानकी जयंती पर भगवान राम और सीता की उपासना करता है उस भक्त पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार जानकी जयंती व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और कुंआरी लड़कियां मनोवांछित वर की प्राप्ति की कामना से रहती हैं।
जानकी जयंती 2023: दृक पंचांग के अनुसार फाल्गुन कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी सुबह 8.15 बजे से हो रही है, जबकि यह तिथि 14 फरवरी को सुबह 7.40 बजे संपन्न हो रही है। उदया तिथि में जानकी जयंती 14 फरवरी मंगलवार को मनाई जाएगी।
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जानकी जयंती पर ऐसे करें पूजा
1. इस दिन सुबह उठकर मर्यादा पुरुषोत्तम राम और माता सीता को प्रणाम करें।
2. दैनिक क्रिया पूरी कर गंगा में स्नान करें या गंगा स्नान न कर पाएं तो गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करें।
3. आचमन कर स्वयं को पवित्रकर, लाल रंग के कपड़े पहनें।
4. पूजा घर में चौकी पर श्रीराम जानकी की तस्वीर रखें।
जानकी जयंती पर ऐसे करें पूजा
1. इस दिन सुबह उठकर मर्यादा पुरुषोत्तम राम और माता सीता को प्रणाम करें।
2. दैनिक क्रिया पूरी कर गंगा में स्नान करें या गंगा स्नान न कर पाएं तो गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करें।
3. आचमन कर स्वयं को पवित्रकर, लाल रंग के कपड़े पहनें।
4. पूजा घर में चौकी पर श्रीराम जानकी की तस्वीर रखें।
5. माता को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें, फल, पुष्प, दूर्वा अर्पित करें।
6. पूजा स्थल पर भगवान के निमित्त दीप, धूप जलाएं।
7. आरती कर सुख, समृद्धि की कामना करें और अपनी आकांक्षा ईश्वर के सन्मुख मन में प्रकट करें।
8. दिनभर व्रत रखें और शाम को आरती के बाद फलाहार करें।