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धर्म और अध्यात्म

Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा पर ये है सबसे शुभ मुहूर्त, यहां जानिए महत्व और गुरु पूजा-स्नान-दान का समय

आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में सेलिब्रेट करते हैं। इस दिन देश भर के संतों के आश्रमों में उनके शिष्य और भक्त पहुंचते हैं और सतगुरु की पूजा करते हैं। आइये जानते हैं सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा का महत्व क्या है और गुरु पूर्णिमा कब है।

Jun 30, 2023 / 08:11 pm

Pravin Pandey

गुरु पूर्णिमा 2023 सोमवार को है।

कब है गुरु पूर्णिमा
दृक पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा तीन जुलाई सोमवार पड़ रही है। इस तिथि की शुरुआत 2 जुलाई रात 8.21 बजे हो रही है और आषाढ़ पूर्णिमा तिथि का समापन तीन जुलाई शाम 8.08 बजे हो रही है। उदया तिथि में आषाढ़ पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा तीन जुलाई को होगी। इस दिन सुबह 5.27 बजे से सुबह 7.12 बजे तक गुरु पूजा, स्नान, दान का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद सुबह 8.56 बजे से 10.41 बजे तक और दोपहर 2.10 बजे से 3.54 बजे तक सबसे शुभ मुहूर्त है।
गुरु पूर्णिमा पर प्रमुख योग
ब्रह्म योगः गुरु पूर्णिमा ब्रह्म योग में मनेगी, यह योग दोपहर 3.45 बजे तक है।
इंद्र योगः यह योग गुरु पूर्णिमा के अगले दिन चार जुलाई सुबह 11.50 तक है।

आषाढ़ पूर्णिमा/ पर प्रमुख मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.16 से 1.09 बजे तक
विजय मुहूर्त दोपहर 2.55 बजे से 3.48 बजे तक
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गुरु पूर्णिमा का महत्व
आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है और शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं। इस दिन ही महाभारत के रचयिता वेदव्यास की जयंती भी है। भगवान गौतम बुद्ध के सम्मान में बौद्ध इस दिन उत्सव मनाते हैं। बौद्ध समुदाय के लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान गौतम बुद्ध ने सारनाथ में पहला उपदेश दिया था।

गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन गाय की पूजा, गोसेवा, गोदान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी के साथ ऐसा कार्य करने वाले व्यक्ति को आरोग्य की भी प्राप्ति होती है। यह भी मान्यता है कि गुरु की पूजा करने से कुंडली में गुरु ग्रह संबंधित दोष भी दूर होते हैं।

ऐसे करें पूजा
1. गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें ( संभव है तो गुरु पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करें) ।
2. इसके बाद घर के पूजा घर में गुरु की प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाएं।
3. इस दिन गुरु के घर जाकर उनकी पूजा भी करनी चाहिए और आशीर्वाद लेना चाहिए।
4. ऐसे लोग जिनके गुरु ने संसार त्याग दिया है, उन्हें गुरु की चरण पादुका की पूजा करनी चाहिए।
गुरु की महिमा बताने वाली प्रमुख सूक्तियां


1. गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय॥


2. गुरुः ब्रह्मा, गुरुः विष्णुः गुरुः देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

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