गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा: इस दौरान मां दुर्गा की पूजा रात के समय की जाती है। पूजा के समय माता को लाल रंग का सिंदूर और चुनरी जरूर अर्पित करें। मां के समक्ष दीपक जलाएं और ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करें। अंत में माता की आरती उतारकर उन्हें भोग लगाएं। संभव हो तो दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें।
शीघ्र मनोकामना पूर्ति के लिए करें ये उपाय: मां दुर्गा और महाविद्याओं का स्मरण करते हुए एक स्वच्छ मिट्टी का घड़ा लें। उसमें सप्त धान के थोड़े से दाने, 1 रुपए या चांदी का सिक्का डालें। फिर उस कलश को पानी स भर दें और उसमें थोड़ा गंगाजल भी डाल दें। कलश के अंदर सुपारी, पूजा बादाम और हल्दी की गांठ भी डाल दें। फिर उस पर कुंकुं अबीर और चावल छिड़कें। फिर इस कलश को ढक दें। उस पर नारियल रखें और नारियल पर कलावा बांध दें। फिर कलश की विधिवत पूजा करें।
फिर कलश के सामने हाथ जोड़ कर 10 महाविद्याओं का स्मरण करें और अपनी मनोकामना कह दें। जब पूजा से उठें तो आन को प्रणाम कर आसन साथ में उठाएं। ऐसा नौ दिन की गुप्त नवरात्रि में प्रतिदिन करें। फिर नौवें दिन कलश का का जल अपने और अपने पूरे परिवार के ऊपर छिड़कें। बचा हुआ जल पीपल या फिर तुलसी के पेड़ में डाल दें। कलश की पूजन सामग्री से जो सिक्का आपने उसमें डाला था वो अपने पास रख लें। बाकी सभी चीजें विसर्जित कर दें। नवरात्रि के अंतिम दिन कलश उठाने से पहले 108 बार अपनी कामना बोलें। कहते हैं इस उपाय को करने से धन संबंधी, विवाह संबंधी किसी भी प्रकार की मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
धन प्राप्ति के उपाय: आर्थिक लाभ के लिए गुप्त नवरात्रि के सभी दिन पीपल के पेड़ के पत्ते पर राम का नाम लिखें और उन्हें हनुमान मंदिर में अर्पित करें। मान्यता है ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगता है। हर काम में सफलता पाने के लिए भगवान शिव के मंदिर में जाकर शिव और मां पार्वती पर दूध से अभिषेक करें और पंचोपचार उनकी पूजा करें। अब मौली से भोलेनाथ और मां पार्वती के मध्य गठबंधन करें। लाल चंदन की माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करें। मंत्र- ‘हे गौरी शंकरार्धांगी, यथा त्वं शंकर प्रिया, तथा मां कुरु कल्याणी, कान्तकान्तां सुदुर्लभाम.’