scriptSarva Pitra Amavasya: सर्व पितृ अमावस्या के ये पांच उपाय, धन दौलत से भर देंगे घर | Patrika News
धर्म और अध्यात्म

Sarva Pitra Amavasya: सर्व पितृ अमावस्या के ये पांच उपाय, धन दौलत से भर देंगे घर

Sarva Pitru Amavasya श्राद्ध पक्ष का समापन 14 अक्टूबर 2023 शनिवार को अमावस्या से हो रहा है। श्राद्ध पक्ष की यह अमावस्या सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जानी जाती है। पितृ पक्ष में जो भी किसी कारण अपने पूर्वजों का श्राद्ध नहीं कर पाए हैं या उन्हें पितरों के निधन की तिथि पता नहीं है, उनके लिए सर्व पितृ अमावस्या को श्राद्ध का विधान है। मान्यता है कि भूले-बिसरे पितरों का इस दिन श्राद्ध करना चाहिए और इस दिन सभी पितर यहां अदृश्य रूप में मौजूद रहते हैं। ऐसे पितरों की प्रसन्नता के लिए गरुण पुराण में सर्व पितृ अमावस्या के 5 उपाय बताए गए हैं, उनका आशीर्वाद धन दौलत से घर भर देगा।

Oct 13, 2023 / 12:21 pm

Pravin Pandey

sarva_pitru_amavasya_11.jpg

सर्व पितृ अमावस्या 2023

पंचबलि कर्म
गरुण पुराण के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध करें और श्राद्ध न कर सकें तो पंचबलि कर्म यानी गोबलि, श्वानबलि, काकबलि, देवादिबलि और पिपलिकादि बलि कर्म जरूर करें। इन सभी के लिए विशेष मंत्र बोलते हुए भोजन सामग्री निकालकर रखें। आखिर में चींटियों के लिए भोजन सामग्री पत्ते पर निकालने के बाद ही ब्राह्मण के लिए भोजन परोसें। साथ ही जमाई, भांजे, मामा, नाती और कुल खानदान के सभी लोगों को अच्छे से पेटभर भोजन खिलाकर दक्षिणा जरूर दें।

तर्पण और पिंडदान
सर्वपितृ अवमावस्या पर तर्पण और पिंडदान का खासा महत्व है। सामान्य विधि के अनुसार पिंडदान में चावल, गाय का दूध, घी, गुड़ और शहद को मिलाकर पिंड बनाए जाते हैं और उन्हें पितरों को अर्पित किया जाता है। पिंडदान के साथ ही जल में काले तिल, जौ, कुशा, सफेद फूल मिलाकर तर्पण किया जाता है। पिंड बनाने के बाद हाथ में कुशा, जौ, काला तिल, अक्षत और जल लेकर संकल्प करें। इसके बाद इस मंत्र को पढ़े. “ॐ अद्य श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त सर्व सांसारिक सुख-समृद्धि प्राप्ति च वंश-वृद्धि हेतव देवऋषिमनुष्यपितृतर्पणम च अहं करिष्ये।।’

गीता या गरुण पुराण का पाठ
गरुढ़ पुराण में, मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है। इसीलिए यह पुराण मृतक को सुनाया जाता है, क्योंकि मान्यता है कि मृत्यु के कुछ दिन बाद तक आत्मा अपने घर के आसपास रहती है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन गरुढ़ पुराण के कुछ खास अध्यायों का पाठ करें या गीता का पाठ जरूर करें या घर में ही करवाएं। आप चाहे तो संपूर्ण गीता का पाठ करें या सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए और उन्हें मुक्ति का मार्ग दिखाने के लिए गीता के दूसरे और सातवें अध्याय का पाठ करें।
ये भी पढ़ेंः Rahu Ketu Gochar 2023: 30 अक्टूबर से बदल जाएगी तीन राशियों के लोगों की किस्मत, देवता देंगे साथ


दान कर्म
इस दिन गरीबों को यथाशक्ति दान देना चाहिए, यह कुछ भी हो सकता है जैसे छाता दान, जूते-चप्पल दान, पलंग दान, कंबल दान, सिरहाना दान, दर्पण कंघा दान, टोपी दान, औषध दान, भूमिदान, भवन दान, धान्य दान, तिलदान, वस्त्र दान, स्वर्ण दान, घृत दान, नमक दान, गुड़ दान, रजन दान, अन्नदान, विद्यादान, अभयदान और धनदान आदि।
सोलह ब्राह्मणों को भोजन कराना
सर्वपितृ अमावस्या पर पंचबलि कर्म के साथ ही बटुक ब्राह्मण भोज कराया जाता है। बटुक यानी वे बच्चे जो वेद अध्ययन कर रहे हैं या ब्राह्मणों के छोटे बच्चों को भोजन कराया जाता है। इस दिन सभी को अच्छे से पेटभर भोजन खिलाकर दक्षिणा दी जाती है। ब्राह्मण का निर्व्यसनी होना जरूरी है और ब्राह्मण नहीं हो तो अपने ही रिश्तों के निर्व्यसनी और शाकाहारी लोगों को भोजन कराएं। ब्राह्मण नहीं मिले तो भांजा, जमाई या मित्र को भोजन कराएं।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x8oshf0

Hindi News/ Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / Sarva Pitra Amavasya: सर्व पितृ अमावस्या के ये पांच उपाय, धन दौलत से भर देंगे घर

ट्रेंडिंग वीडियो