scriptBhadrakali Jayanti 2023: कौन हैं माता भद्रकाली जिनकी आज जयंती, ऐसे करें पूजा | Bhadrakali Jayanti 2023 Who is Mata Bhadrakali Puja Vidhi | Patrika News
धर्म और अध्यात्म

Bhadrakali Jayanti 2023: कौन हैं माता भद्रकाली जिनकी आज जयंती, ऐसे करें पूजा

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी यानी अपरा एकादशी के दिन ही भद्रकाली जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन माता काली के स्वरूप भद्रकाली की पूजा (Bhadrakali Jayanti 2023 ) की जाती है। मान्यता है कि मां भद्रकाली की पूजा से तमाम रोग, दोष और शोक खत्म हो जाते हैं। यह तिथि इस साल आज सोमवार 15 मई को है।

May 15, 2023 / 02:26 pm

Pravin Pandey

bhadrakali.jpg

माता भद्रकाली जयंती

भद्रकाली जयंती मुहूर्त
पंचांग के अनुसार अपरा एकादशी 15 मई सोमवार 2023 को है। ज्येष्ठ एकादशी तिथि की शुरुआत 15 मई सुबह 2.46 बजे हुई है, जबकि यह तिथि 16 मई सुबह 1.03 बजे संपन्न हो जाएगी। इस व्रत का पारण 16 मई को सुबह 6.41 से 8.13 बजे के बीच होगा।

कौन हैं भद्रकाली
भद्रकाली माता काली का ही स्वरूप हैं, इनकी पूजा दक्षिण भारत में की जाती है। माता कालिका के अनेक रूप माने जाते हैं, दक्षिणा काली, श्मशान काली, मातृ काली, महाकाली, श्यामा काली, गुह्य काली, अष्टकाली और भद्रकाली आदि। इन सभी रूपों की अलग पूजा पद्धति है। इनमें भद्रकाली की जयंती ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी को मानी जाती है। भद्रकाली का अर्थ है अच्छी काली, यह रूप मां काली का शांत स्वरूप और वर देने वाला माना जाता है।

महाभारत शांति पर्व के अनुसार यह पार्वती के कोप से उत्पन्न दक्ष के यज्ञ की विध्वंसक देवी हैं। यह भी मान्यता है कि देवी भद्रकाली, देवी सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव के बालों से प्रकट हुईं थीं। भद्रकाली जयंती पर इनकी पूजा दुखों का नाश करने वाली और खुशियां प्रदान करने वाली होती है।
माता भद्रकाली मंत्र और स्तुति
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।
भद्रं मंगलं सुखं वा कलयति स्वीकरोति भक्तेभ्योदातुम् इति भद्रकाली सुखप्रदा

नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:।
नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्मताम्।।
ॐ काली महा काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते
ये भी पढ़ेंः Sun Transit 2023: एक महीने बुलंदी पर रहेंगे आठ राशियों के सितारे, सूर्य गोचर चार राशियों के सुख-सम्मान पर भारी

भद्रकाली की पूजा विधि (Bhadrakali Puja Vidhi)
1. मां भद्रकाली की पूजा में शुद्धता और सात्विकता का विशेष महत्व होता है। इस दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत्त होकर देवी मां का ध्यान कर व्रत रखना चाहिए।
2. माता की पूजा के लिए एक लकड़ी की चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर मां भद्रकाली की मूर्ति या चि‍त्र को रखें। मूर्ति को स्नान कराएं और चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें।
3. इसके बाद देवी के सामने धूप, दीप जलाएं। ध्यान रखें इस दीपक को स्वयं कभी न बुझाएं।

4. फिर देवी के मस्तक पर हल्दी कुमकुम, चंदन और चावल लगाएं। इसके बाद हार और फूल चढ़ाएं, फिर आरती उतारें। पूजा में अनामिका अंगुली (रिंग फिंगर) से गंध, चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी लगाना चाहिए।
5. पूजा करने के बाद प्रसाद या नैवेद्य (भोग) चढ़ाएं। इनके नैवेद्य में नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नहीं किया जाता है।
6. अंत में आरती करें।

7. घर में या मंदिर में जब भी कोई विशेष पूजा करें तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वास्तिक, कलश, नवग्रह, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन भी किया जाता। इसके लिए किसी पंडित की मदद भी ले सकते हैं।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / Bhadrakali Jayanti 2023: कौन हैं माता भद्रकाली जिनकी आज जयंती, ऐसे करें पूजा

ट्रेंडिंग वीडियो