भोपाल। ज्योतिष पंचांग के मुताबिक हर साल माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान और विद्या की देवी शारदे मां की पूजा-अर्चना का विधान है। वसंत पंचमी के इस दिन को मधुमास, ज्ञान पंचमी, श्री पंचमी आदि नामों से भी जाना जाता है। इस बार इस दिन शुभ योगों के संयोग से यह वसंत पंचमी बेहद शुभ फलदायी रहेगी। इस लेख में आप भी जानें कब है वसंत पंचमी और पूजा का शुभ मुहूर्त। वहीं कौन-कौन से योग बढ़ाएंगे इसकी शुभता…
मान्यता है कि इस दिन किए गए पूजा-पाठ से ज्ञान और सफलता की प्राप्ति होती है और मां शारदे सभी मनोकामनाएं पूरी करती है। वसंत पंचमी के दिन स्टूडेंट्स खास तौर पर पूजा-पाठ करते हैं। क्योंकि वीणा वादिनी शारदे मां बुद्धि, विद्या और ज्ञान की देवी कहलाती हैं। इसीलिए पढ़ाई या परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना जरूर करनी चाहिए।
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सरस्वती पूजन 2023 तिथि और मुहूर्त
माघ शुक्ल की पंचमी तिथि दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी। वहीं पंचमी तिथि का समापन अगले दिन 26 जनवरी सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार गुरुवार 26 जनवरी को सरस्वती पूजा की जाएगी। पूजा के लिए 26 जनवरी सुबह 7 बजकर 12 मिनट से शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा।
सरस्वती पूजा 2023 पर बन रहे हैं ये 4 शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस साल सरस्वती पूजा पर 4 शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जो बेहद फलदायी होंगे। इस दिन सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग और रवि योग बनने जा रहे हैं।
रवि योग
रवि योग 26 जनवरी शाम 06 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा और 27 जनवरी सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। माना जाता है कि इस योग में सूर्य देव का प्रभाव होता है और इस दौरान किए सभी कार्यों से सूर्य देव की कृपा से अमंगल दूर होता है और शुभता प्राप्त होती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
सरस्वती पूजा के दिन यानी 26 जनवरी को शाम 06 बजकर 57 मिनट पर सर्वार्थ सिद्धि योग शुरूहोगा। जो 27 जनवरी सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इस योग को किसी भी कार्य के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस योग में किए सभी कार्य सफल, संपन्न और सिद्ध होते हैं।
शिव योग
शिव योग 26 जनवरी को सुबह से दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इसमें ध्यान, पूजा का विशेष महत्व होता है।
सिद्ध योग
शिव योग की समाप्ति के बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा। यह योग पूरी रातरहेगा। सिद्ध योग को भी ज्योतिष में अत्यंत शुभ माना गया है।