परंपरा के अनुसार इस दिन ही बद्रीनाथ के बंद कपाट खोले जाते हैं और इसी दिन वृंदावन में बांके बिहारी के चरणों के दर्शन होते हैं। अक्षय तृतीया पर मूल्यवान चीजों की खरीदारी की जाती है और दान दिए जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती ह ै।
अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya 2023): अक्षय तृतीया तिथि की शुरुआत 22 अप्रैल को सुबह 7.49 बजे हो रही है और यह तिथि 23 अप्रैल रविवार को सुबह 7.47 बजे संपन्न हो रही है। इस दिन पूजा का मुहूर्त सुबह 7.47 से दोपहर 12.20 तक है।
स्वर्ण क्रय करने का मुहूर्तः अक्षय तृतीया के दिन शुभ के लिए स्वर्ण खरीदने का शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल शनिवार को सुबह 7.49 बजे से 23 अप्रैल सुबह 5.48 बजे तक है। ये भी पढ़ेंः ये रत्न चमका देगा किस्मत, पहनने से पहले जान लें नफा-नुकसान
अक्षय तृतीया का महत्वः प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार अक्षय तृतीया साल के सबसे शुभ मुहूर्त में से एक है। इस दिन सारे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व है जो व्यक्ति गंगा स्नान करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
इस दिन पितृ श्राद्ध करने का भी विधान है, इस दिन जौ, गेहूं, चना, सत्तू, दही चावल, दूध से बनी सामग्री का दान पितरों के नाम से करना चाहिए और ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए। तीर्थ स्थल पर पितरों का श्राद्ध और तर्पण बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है इस दिन सोना खरीदने से घर में समृद्धि आती है। इसी दिन सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। इस दिन पूजा से देवताओं से अनंत शुभ फल की भी प्राप्ति होती है।
अक्षय तृतीया पूजन विधि
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान के बाद पीले वस्त्र धारण करें।
2. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें, विष्णु भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं।
3. पीले आसन पर बैठकर पूजा करें, उन्हें पीला फूल अर्पित करें, धूप अगरबत्ती जलाएं।
4. ज्योति जलाकर विष्णु भगवान का ध्यान करें, उनकी आरती उतारें।
5. गरीबों को भोजन कराएं, ब्राह्मण को दान दें।