लेबड़ से लेकर नयागांव तक नेशनल हाईवे है। मध्यप्रदेश की सीमा इस नेशनल हाईवे पर जावद के नयागांव में जाकर समाप्त होती है व राजस्थान की शुरूआत होती है। इसी मार्ग का उपयोग यात्री चित्तौडगढ़़, जयपुर, उदयपुर, अजमेर से लेकर नई दिल्ली तक आने – जाने के लिए करते है। शहर की यातायात पुलिस पूरे शहर को छोडकऱ इसी हाईवे पर जाकर वार पहिंया वाहनों के दस्तावेज खंगालती नजर आ रही है।
यात्री बस तक को रोका यातायात पुलिस ने मंदसौर से चित्तौडगढ़़ जा रही निजी यात्री बस तक को रोका। चालक ने अपने दस्तावेज बताए। हालांकि दस्तावेज सही होने पर बस को जाने दिया, लेकिन बस पर लगे काले रंग के शीशे पर कुछ नहीं कहा।
किसी ने सुनाया, किसी ने दी धोंस जब कार चालक से लेकर अन्य चार पहिंया वाहनों को दस्तावेज की जांच के नाम पर रोका तो किसी से विवाद हुआ तो किसी ने विवाद भी किया। किसी ने स्वयं को राष्ट्रीय पार्टी का पदाधिकारी बताया तो किसी ने कह दिया कि इतनी भी समझ नहीं है, हाईवे पर इस तरह खड़े रहकर जांच नियम के खिलाफ है।
सिर्फ टारगेट पूरा करने पर ध्यान शहर में यातायात पुलिस के पास बिगड़े हुए यातायात को सुधार के लिए कोई प्लान तक नहीं है। विजय टॉकीज चौराहा से लेकर बस स्टैंड तक दो पहिंया वाहन चालक बगैर हेलमेट लगाए व कार चालक बगैर सीट बेल्ट के वाहन दौड़ा रहे है। शहर के बाजार में वाहनों की पार्किंग रोड पर हो रही है, लेकिन यातायात पुलिस को ये नजर ही नहीं आ रहा है। दिए गए वार्षिक टारगेट को पूरा करने अब हाईवे पर जाकर चालान बनाने की रस्म अदायगी हो रही है।
कोर्ट ने लगाई है रोक मई 2023 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि वाहनों के कागजात जांच के लिए नेशनल व स्टेट हाइवे पर स्थायी रूप से बैरियर नहीं लगाए जा सकते हैं। हालाकि, केवल अल्प अवधि का अस्थाई नाका बनाया जा सकता है। हाईवे पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस अधिकारी दस्तावेजों की जांच के लिए वाहनों को अचानक नहीं रोक सकते हैं।
स्पीड की जांच करने जाते हाईवे पर वाहनों की रफ्तार अधिक होने पर चालान हमारी पुलिस बनाती है। इस दौरान दस्तावेज की जांच भी की जाती है। – सोनू बडगुर्जर, यातायात सुबेदार, नीमच