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रतलाम

Pala barphabare- पाला पड़ने पर फसलों को ऐसे करें सुरक्षित

रतलाम। रबी सीजन की फसलें लहलहा रही है, दूसरी तरफ आगामी दिनों में पाला पड़ने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है। पाला पड़ने की संभावना होने पर बचाव के लिए फसलों में हल्की सिंचाई करें, अथवा थायो यूरिया की 500 ग्राम मात्रा का 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। नहीं तो 8 से 10 किलो ग्राम सल्फर पाउडर प्रति एकड़ का भुरकाव करें।

रतलामDec 28, 2023 / 11:07 pm

Gourishankar Jodha

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उप संचालक कृषि नीलमसिंह चौहान ने बताया कि घुलनशील सल्फर तीन ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर अथवा 0.1 प्रतिश त गंधक अम्ल का छिड़काव करें। अगेती बुआई वाली किस्मो में दूसरी सिंचाई आवश्यकता को देखते हुए करें। देर से बुवाई की गुई सफल में सिंचाई के साथ एक तिहाई नत्रजन (33 किलोग्राम/हेक्टेयर) अर्थात यूरिया (70-72 किलो ग्राम/हेक्टेयर) सिंचाई के पूर्व भुरक दें।
गेहूं बालियां निकलते समय फव्वारा विधि से सिंचाई न करें


पूर्ण सिंचित समय से बुवाई में 20-20 दिन के अन्तराल पर 4 सिंचाई करें। आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने पर फसल गिर सकती है। दानों में दूूधिया धब्बे आ जाते हैं तथा उपज कम हो जाती है। बालियां निकलते समय फव्वारा विधि से सिंचाई न करें, अन्यथा फूल खिर सकते हैं। दोनों का मुंह काला पड़ जाता है व करनाल बंट तथा कंडुवा व्याधि के प्रकोप का डर रहता है। माह का प्रकोप गेहूं फसल के ऊपरी भाग (तना व पत्तो) पर होने की स्थिति में इमिडाक्लोप्रिड 250 मिली ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
पाला पड़ने की स्थिति में रासायनिक उपचार


चौहान ने बताया कि जिस दिन पाला पड़ने की संभावना हो उन दिनों फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करना चाहिए। इसके लिए एक लीटर गंधक के तेजाब को 1000 लीटर पानी में घोलकर एक हैक्टेयर क्षेत्र में प्लास्टिक के स्प्रेयर से छिड़कें। ध्यान रखे कि पौधों पर घोल की फुहार अच्छी तरह लगे। छिड़काव का असर दो सप्ताह तक रहता है। यदि इस अवधि के बाद भी शीत लहर व पाले की संभावना हो तो गंधक के तेजाब को 15-15 दिन के अंतर से दोहराते रहे।

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