निरीक्षण के दौरान स्कूल में टीचरों की उपस्थिति पंजी तक नहीं मिली। जब पंजी और प्रधानाध्यापक के बारे में मौजूद टीचरों से पूछा तो उनका कहना था कि प्रधानाध्यपक लक्षमणसिंह डोडियार तीन दिन से स्कूल ही नहीं आ रहे हैं। पंजी के बारे में बताया कि स्कूल के संजय वोरा लेकर बीआरसीसी गए हैं। बीआरसीसी में क्यों गए किसी को पता नहीं। निरीक्षण के दौरान ही कुछ देर बाद ही प्रधानाध्यापक और संजय वोरा दोनों ही स्कूल पहुंच गए।
अंचल में हालात खराब ऐसा भी नहीं है कि बिबडौद में ही यह हालात है। जिले के हर अंचल में यही हालात है। शहर से कुछ किमी बाहर निकलते ही स्कूल में बच्चे सफाई करते नजर आते है। इतना ही नहीं, मध्यान्ह भोजन की थाली तक शहर में स्कूली बच्चाें से ही साफ कराई जा रही है। अंचल में तो स्कूल के शिक्षक कई बार 11 बजे तक नहीं पहुंचते है। पूर्व में रतलाम जनपद अंतर्गत ऐसे कई स्कूलों की लाइव रिपोर्ट तक पत्रिका ने प्रकाशित की थी तब स्कूल के प्राचार्य को नोटिस तक जारी किए थे।
यह स्थिति आई सामने – 60- फीसदी बच्चों को अंग्रेजी पढ़ना ही नहीं आई – गणित में विद्यार्थियों को सम-विषम संख्या का पता नहीं – बच्चों का शैक्षणिक स्तर बहुत कमजोर पाया गया