बता दें कि पुजारी राहुल विश्वकर्मा प्रतिदिन शिव मंदिर में पूजा और आरती करता था। आरती के समय नाग-नागिन को डिब्बे से बाहर निकाल देता था। जो कि मंदिर में मौजूद शिवलिंग के आसपास घूमते रहते थे।
डिब्बे में डाला हाथ तो नागिन ने डसा
मृतक पुजारी राहुल विश्वकर्मा दिन में दो बार सांपों को डिब्बे से बाहर निकालता था और पूजा-पाठ करके उन्हें दूध पिलाता था। जैसे ही पुजारी ने डिब्बे में हाथ डाला वैसे ही नागिन ने डस दिया। जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। तभी इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हालांकि पुजारी की मौत होने के बाद परिजनों ने सांपों के जोड़े को जंगल में छोड़ दिया गया है।
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5 महीने पहले जंगल से लाया था नाग-नागिन का जोड़ा
पुजारी राहुल विश्वकर्मा की नागिन के काटने से मौत हो गई। जानकारी के अनुसार राहुल ने लगभग 5-6 महीने पहले जंगल से नाग-नागिन के जोड़ों को पकड़ा था। खेत पर स्थित शिवल मंदिर में पर एक प्लास्टिक का डिब्बा रखा था। उसी में उन सांपों के जोड़ों को रखा था। कुछ दिन बीत जाने के बाद मंदिर में ही उसने दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करना शुरु कर दिया।