जिले में मिलावटखोरी की शिकायतें आ रही हैं। मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हो। छोटी-मोटी इस हंसी मजाक वाली सेंपलिंग से कोई लाभ नहीं। समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर जमरा से सख्त नाराज रहे। इस दौरान अपर कलेक्टर एमएल आर्य ने भी कहा कि फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर्स द्वारा जिले में जो कार्रवाई की जा रही है वह प्रभावी नहीं है। इनके द्वारा छोटी दुकानों के प्रकरण बनाए जाते हैं, बड़े दुकानदारों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को छोड़ दिया जाता है। प्रकरण ऐसे बनाए जाते हैं जिसमें बहुत ज्यादा जुर्माना नहीं लगता है। अपर कलेक्टर ने बताया कि फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में ही छोटी दुकानों पर प्रकरण बनाए जाते हैं, सैंपल लिए जाते हैं। शहरी क्षेत्र में इनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि आगे से मिलावट के संबंध में कोई शिकायत आएगी तो जमरा निलंबित कर दिए जाएंगे। जमरा को निर्देशित किया कि उनके द्वारा विगत दो माह में क्या काम किया गया है, नोटशीट पर लाकर बताएं।
कलेक्टर ने जिला खाद्य अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राशन के मामले में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं करें। सभी एसडीएम से कहा कि राशन दुकानों की निरीक्षण रिपोर्ट क्यों नहीं आ रही है। निर्देशित किया कि राशन दुकानों की निरीक्षण रिपोर्ट प्रत्येक माह की तय समय सीमा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान कलेक्टर कार्यपालन यंत्री पीएचई से खिन्न नजर आए। कलेक्टर ने कहा कि यदि कोई भी नल-जल योजना बंद मिली तो संबंधित एसडीओ पीएचई सस्पेंड किया जाएगा।