सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ हरजीतसिंह सलूजा डायरेक्टर गुरू तेगबहादुर अकादमी ने किया। उन्होने कहा कि श्री गुरू नानकदेवजी ने (कीरत करो) (वर्ण छोड़ो) और सिमरन करो का संदेश दिया। उनके संदेश एकता और भाईचारे पर आधारित है। श्री गुरू नानकदेवजी ने अहंकार से दूर रहने का संदेश दिया। शिविर में डॉ. कृपालसिंह राठौर ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में समर्पण भाव से कार्य करने पर पुण्य लाभ भी मिलता है। शिविर में डॉ. आनंद चंदेलकर, डॉ. राजदुलानी, डॉ. विवेक, डॉ. पवन कुमार शर्मा, डॉ. नरेश चौहान, डॉ. ममता शर्मा, डॉ. एसएस गुप्ता व अन्य चिकित्सकों ने मरीजों का उपचार कर सेवाऐं प्रदान की। इस अवसर पर आरएमओ डॉ. रवि दिवेकर सहित अन्य विभागीय अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।