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जिले में 35 साल में सबसे अधिक औसत बारिश 63.15 दर्ज की गई है। वहीं जिले में सबसे अधिक बारिश अब तक गरोठ में 80 इंच से अधिक हो गई है। तेज बारिश के कारण गांधीसागर बांध के 16 गेट खोल दिए है। वहीं रेतम बैराज के 15 और गाडगिल सागर बांध के आठ गेट खोले है। तेज बारिश के कारण मल्हारगढ़ क्षेत्र में कई मकानों में पानी घूस गया तो कई क्षतिग्रस्त हो गए है। जिले के करीब आधा दर्जन से अधिक मार्ग बाधित हुए है। वहीं जिला मुख्यालय पर सालों बाद इस साल पांचवी बार भगवान पशुपतिनाथ का अभिषेक किया है।
जिले में 35 साल में सबसे अधिक औसत बारिश 63.15 दर्ज की गई है। वहीं जिले में सबसे अधिक बारिश अब तक गरोठ में 80 इंच से अधिक हो गई है। तेज बारिश के कारण गांधीसागर बांध के 16 गेट खोल दिए है। वहीं रेतम बैराज के 15 और गाडगिल सागर बांध के आठ गेट खोले है। तेज बारिश के कारण मल्हारगढ़ क्षेत्र में कई मकानों में पानी घूस गया तो कई क्षतिग्रस्त हो गए है। जिले के करीब आधा दर्जन से अधिक मार्ग बाधित हुए है। वहीं जिला मुख्यालय पर सालों बाद इस साल पांचवी बार भगवान पशुपतिनाथ का अभिषेक किया है।
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गांधीसागर प्रतिनिधि के अनुसार गांधीसागर बांध के गेट शुक्रवार को भी खुले रहे। कलेक्टर पुष्प द्वारा बताया गया कि गांधी सागर दो बड़े गेट शाम 4.30 बजे खोलेे। इस तरह कुल डेम के 9 छोटे गेट एवं 7 बड़े गेट खेुले है। जिनसे 3 लाख 78 हजार 474 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। गरोठ, भानपुरा, शामगढ़ और सुवासरा में बारिश हुई। मल्हारगढ़ में तेज बारिश के कारण घरों के सामने सड़क पर इतना पानी था कि सड़क पार करने के लिए रस्सी एक किनारे से दूसरे किनारे तक बांधना पड़ी। मल्हारगढ़ क्षेत्र के गाडगिल सागर के आठ गेट खोले गए। मल्हारगढ़ क्षेत्र में भी कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा।
गांधीसागर प्रतिनिधि के अनुसार गांधीसागर बांध के गेट शुक्रवार को भी खुले रहे। कलेक्टर पुष्प द्वारा बताया गया कि गांधी सागर दो बड़े गेट शाम 4.30 बजे खोलेे। इस तरह कुल डेम के 9 छोटे गेट एवं 7 बड़े गेट खेुले है। जिनसे 3 लाख 78 हजार 474 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। गरोठ, भानपुरा, शामगढ़ और सुवासरा में बारिश हुई। मल्हारगढ़ में तेज बारिश के कारण घरों के सामने सड़क पर इतना पानी था कि सड़क पार करने के लिए रस्सी एक किनारे से दूसरे किनारे तक बांधना पड़ी। मल्हारगढ़ क्षेत्र के गाडगिल सागर के आठ गेट खोले गए। मल्हारगढ़ क्षेत्र में भी कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा।
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तेज बारिश के कारण शिवना नदी उफान पर आई। नदी का पानी विश्व प्रसिद्ध शिवना नदी में प्रवेश कर गया। इसके बाद भगवान के चरण रज लेकर पानी का वेग कम हु़आ। ये पांचवी बार है जब पानी मंदिर के गर्भग्रह में भगवान तक पहुंचा है। इन सब के बीच कारण सीतामऊ की ओर जाने वाले रास्ते पर स्थित छोटी पुलिया जलमग्न हो गई। इधर कलेक्टर मनोज पुष्प ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में निरन्तर हो रही अत्यधिक वर्षा के कारण 14 सितम्बर को जिले के सभी शासकीय व अशासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित किया जाता है। सभी संकुल प्राचार्य विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी विकास खण्ड स्रोत समन्वयक अपने क्षेत्र अन्तर्गत आने वाले सभी विद्यालयों में आदेश का पालन कराना सुनिश्चित करें।
तेज बारिश के कारण शिवना नदी उफान पर आई। नदी का पानी विश्व प्रसिद्ध शिवना नदी में प्रवेश कर गया। इसके बाद भगवान के चरण रज लेकर पानी का वेग कम हु़आ। ये पांचवी बार है जब पानी मंदिर के गर्भग्रह में भगवान तक पहुंचा है। इन सब के बीच कारण सीतामऊ की ओर जाने वाले रास्ते पर स्थित छोटी पुलिया जलमग्न हो गई। इधर कलेक्टर मनोज पुष्प ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में निरन्तर हो रही अत्यधिक वर्षा के कारण 14 सितम्बर को जिले के सभी शासकीय व अशासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित किया जाता है। सभी संकुल प्राचार्य विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी विकास खण्ड स्रोत समन्वयक अपने क्षेत्र अन्तर्गत आने वाले सभी विद्यालयों में आदेश का पालन कराना सुनिश्चित करें।
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लिंबावास प्रतिनिधि के अनुसार तेज बारिश के कारण रेतम बैराज के 20 गेट खोले गए थे जिसमें से रात को 5 गेट बंद कर दिए गए है। ग्राम के कारूलाल, कमल, प्रेम ने बताया कि गांव बादरी में जान जोखिम में डालकर पांच व्यक्ति बाइक को कंधे पर उठाकर पुलिया पार की। बरूजना, आपूखेडी, बादरी सहित अन्य गांवो में लगातार बारिश का पानी बढ़ता जा रहा था। झारडा क्षेत्र के ग्रामीण कारूलाल, पवन, सईद कैलाश ने बताया कि बांध के गेट खुल जाने की वजह से कई घरों में पानी घुस गया है, कई निचली बस्तियो को खाली भी करना पड़ा। रेतम बैराज के कर्मचारी राजवेद्रं निगम ने बताया कि गुरुवार रात्रि में रेतम नदी में पानी की आवक बढ जाने कि वजह से शुक्रवार 24 गेट में से 20 गेट खोल दिए थे।
लिंबावास प्रतिनिधि के अनुसार तेज बारिश के कारण रेतम बैराज के 20 गेट खोले गए थे जिसमें से रात को 5 गेट बंद कर दिए गए है। ग्राम के कारूलाल, कमल, प्रेम ने बताया कि गांव बादरी में जान जोखिम में डालकर पांच व्यक्ति बाइक को कंधे पर उठाकर पुलिया पार की। बरूजना, आपूखेडी, बादरी सहित अन्य गांवो में लगातार बारिश का पानी बढ़ता जा रहा था। झारडा क्षेत्र के ग्रामीण कारूलाल, पवन, सईद कैलाश ने बताया कि बांध के गेट खुल जाने की वजह से कई घरों में पानी घुस गया है, कई निचली बस्तियो को खाली भी करना पड़ा। रेतम बैराज के कर्मचारी राजवेद्रं निगम ने बताया कि गुरुवार रात्रि में रेतम नदी में पानी की आवक बढ जाने कि वजह से शुक्रवार 24 गेट में से 20 गेट खोल दिए थे।
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