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बता दे कि मंदसौर जिले में शिवना नदी सहित अन्य छोटी नदियां अपने उफान पर है। मंदसौर शहर में तो भगवान पशुपतिनाथ के मंदिर के अंदर गर्भग्रह में पानी चला गया है। यहां पर शिवना नदी बाबा पशुपतिनाथ के चरण वंदन कर रही है। दूसरी तरफ गांव – गांव में पानी का स्तर बढऩे से अब परेशानी होने लगी है। कयामपुर के करीब के गांव में पानी भरने लगा है। लोग बचने के लिए छत का सहारा ले रहे है। इन सब के बीच आसमान से बरस रही बारिश की वजह से छत पर भी राहत नहीं मिल रही है।
बता दे कि मंदसौर जिले में शिवना नदी सहित अन्य छोटी नदियां अपने उफान पर है। मंदसौर शहर में तो भगवान पशुपतिनाथ के मंदिर के अंदर गर्भग्रह में पानी चला गया है। यहां पर शिवना नदी बाबा पशुपतिनाथ के चरण वंदन कर रही है। दूसरी तरफ गांव – गांव में पानी का स्तर बढऩे से अब परेशानी होने लगी है। कयामपुर के करीब के गांव में पानी भरने लगा है। लोग बचने के लिए छत का सहारा ले रहे है। इन सब के बीच आसमान से बरस रही बारिश की वजह से छत पर भी राहत नहीं मिल रही है।
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गांधीसागर प्रतिनिधि के अनुसार गांधीसागर बांध के गेट शुक्रवार को भी खुले रहे। कलेक्टर पुष्प द्वारा बताया गया कि गांधी सागर दो बड़े गेट शाम 4.30 बजे खोलेे। इस तरह कुल डेम के 9 छोटे गेट एवं 7 बड़े गेट खेुले है। जिनसे 3 लाख 78 हजार 474 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। गरोठ, भानपुरा, शामगढ़ और सुवासरा में बारिश हुई। मल्हारगढ़ में तेज बारिश के कारण घरों के सामने सड़क पर इतना पानी था कि सड़क पार करने के लिए रस्सी एक किनारे से दूसरे किनारे तक बांधना पड़ी। मल्हारगढ़ क्षेत्र के गाडगिल सागर के आठ गेट खोले गए। मल्हारगढ़ क्षेत्र में भी कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा।
गांधीसागर प्रतिनिधि के अनुसार गांधीसागर बांध के गेट शुक्रवार को भी खुले रहे। कलेक्टर पुष्प द्वारा बताया गया कि गांधी सागर दो बड़े गेट शाम 4.30 बजे खोलेे। इस तरह कुल डेम के 9 छोटे गेट एवं 7 बड़े गेट खेुले है। जिनसे 3 लाख 78 हजार 474 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। गरोठ, भानपुरा, शामगढ़ और सुवासरा में बारिश हुई। मल्हारगढ़ में तेज बारिश के कारण घरों के सामने सड़क पर इतना पानी था कि सड़क पार करने के लिए रस्सी एक किनारे से दूसरे किनारे तक बांधना पड़ी। मल्हारगढ़ क्षेत्र के गाडगिल सागर के आठ गेट खोले गए। मल्हारगढ़ क्षेत्र में भी कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा।
MUST READ : पकने की कगार पर खड़ी फसल, कटने से पहले तोड़ रही दम रेतम बैराज के खोले 21 गेट लिंबावास प्रतिनिधि के अनुसार तेज बारिश के कारण रेतम बैराज के २० गेट खोले गए थे जिसमें से रात को ५ गेट बंद कर दिए गए है। ग्राम के कारूलाल, कमल, प्रेम ने बताया कि गांव बादरी में जान जोखिम में डालकर पांच व्यक्ति बाइक को कंधे पर उठाकर पुलिया पार की। बरूजना, आपूखेडी, बादरी सहित अन्य गांवो में लगातार बारिश का पानी बढ़ता जा रहा था। झारडा क्षेत्र के ग्रामीण कारूलाल, पवन, सईद कैलाश ने बताया कि बांध के गेट खुल जाने की वजह से कई घरों में पानी घुस गया है, कई निचली बस्तियो को खाली भी करना पड़ा। रेतम बैराज के कर्मचारी राजवेद्रं निगम ने बताया कि गुरुवार रात्रि में रेतम नदी में पानी की आवक बढ जाने कि वजह से शुक्रवार 24 गेट में से 20 गेट खोल दिए थे।