अपनी आलोचना से जीवन शुद्ध-विशुद्ध बनेगा
उपाध्याय प्रवरश्री जितेश मुनि ने कहा कि अपने पांव का कांटा जैसे दूसरों के सहयोग से अच्छे से निकलता है, वैसे ही गुरुदेव से सहयोग से अंदर के दोषों को दूर करने का अवसर मिला है। इसका भरपूर लाभ उठाए और इमानदारी से अपनी आलोचना करे। इससे जीवन शुद्ध-विशुद्ध बनेगा।
उपाध्याय प्रवरश्री जितेश मुनि ने कहा कि अपने पांव का कांटा जैसे दूसरों के सहयोग से अच्छे से निकलता है, वैसे ही गुरुदेव से सहयोग से अंदर के दोषों को दूर करने का अवसर मिला है। इसका भरपूर लाभ उठाए और इमानदारी से अपनी आलोचना करे। इससे जीवन शुद्ध-विशुद्ध बनेगा।
तप-तपस्या की लगी लड़ी
आचार्यश्री से जयमंगल मुनि एवं महासती ख्यातिश्री महाराज ने 8-8 उपवास, संजय मेहता ने 32 उपवास, किरण बेन पिरोदिया ने 9 उपवास, युवा संघ के महामंत्री हर्ष पटवा ने 8 उपवास एवं प्रांजल पटवा ने 6 उपवास तथा अनिता रांका ने सिद्धी तप की लडी में 6 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। कई आराधकों ने उपवास, बेले और तेले के प्रत्याख्यान भी लिए।
आचार्यश्री से जयमंगल मुनि एवं महासती ख्यातिश्री महाराज ने 8-8 उपवास, संजय मेहता ने 32 उपवास, किरण बेन पिरोदिया ने 9 उपवास, युवा संघ के महामंत्री हर्ष पटवा ने 8 उपवास एवं प्रांजल पटवा ने 6 उपवास तथा अनिता रांका ने सिद्धी तप की लडी में 6 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। कई आराधकों ने उपवास, बेले और तेले के प्रत्याख्यान भी लिए।