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Indian Railway: भारतीय रेलवे का बड़ा निर्णय, सिंहस्थ में महाकाल के करोड़ों भक्तों को होगा लाभ

Indian Railway: उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ 2028 को देखते हुए रेलवे ने स्टेशनों को आधुनिक बनाना, यात्री सुविधाओं का विस्तार, यात्रियों का मैनेजमेंट और बेहतर साइन सिस्टम बना रहा है। इसके अलावा सर्वोच्च प्राथमिकता यात्री ट्रेन को समय पर चलाने की दी है।

रतलामAug 05, 2024 / 10:53 am

Ashish Pathak

Indian Railway: रेलवे ने वर्ष 2028 में उज्जैन में होने वाले महाकाल मंदिर क्षेत्र के सिंहस्थ की तैयारी को शुरू कर दिया है। इसके लिए प​श्चिम रेलवे के रतलाम रेल मंडल में नागदा से लेकर बैरागढ़, रतलाम से चंदेरिया, रतलाम से गोधरा तक सेक्शन में अलग-अलग कार्य तेजी से चल रहे है। एक तरफ जहां गत 26 फरवरी को रतलाम रेल मंडल के 11 स्टेशनों व 4 आरओबी का अब कायाकल्प किया है, दूसरी तरफ रेल मंडल के 75 से अधिक स्टेशन पर सिंहस्थ की तैयारी में काम चल रहे है। इन सब के बीच यात्रियों को देशभर के अलग-अलग स्टेशन से उज्जैन में बाबा महाकाल तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने निर्णय लिया है कि यात्री ट्रेन के दो हजार से अधिक फेरे लगेंगे। ये फेेरे सिंहस्थ 2028 के दौरान लगेंगे। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।
उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ 2028 को देखते हुए रेलवे ने स्टेशनों को आधुनिक बनाना, यात्री सुविधाओं का विस्तार, यात्रियों का मैनेजमेंट और बेहतर साइन सिस्टम बना रहा है। इसके अलावा सर्वोच्च प्राथमिकता यात्री ट्रेन को समय पर चलाने की दी है। रेलवे का मानना है कि सिंहस्थ के दौरान करोड़ाें की संख्या में भक्त आएंगे। ऐसे में सिर्फ उज्जैन ही नहीं बल्कि करीब के इंदौर, देवास, रतलाम, मंदसौर, दाहोद, मक्सी, शाजापुर जैसे स्टेशन पर भी काम करना जरूरी है। इसलिए इन स्टेशन पर सिंहस्थ की तैयारी के अंतर्गत प्लेटफॉर्म चौडे़ करना, नई रेल पटरी डालना, आधुनिक सिग्नल लगाना जैसे काम चल रहे है।

क्या बदलाव होने हैं स्टेशनों पर

इस योजना के तहत यात्रियों को साफ और हायजेनिक वेटिंग एरिया, रेस्टरूम बनाए जाने हैं साथ ही खाने-पीने के अच्छे स्टॉल लगाने के लिए निविदा का काम अंतिम चरण में है। यात्रियों और गाड़ियों के आने और जाने के लिए अलग-अलग पॉइंट बनाए जा रहे है। इसके लिए रेल मंडल में तैयारी शुरू हो गई है। रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग व कार्य विभाग अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। बडे़ प्रोजेक्ट के लिए निविदा जारी की है। रेलवे ने इसके लिए बजट पहले से ही जारी कर दिया है।
यहां पर गति से काम

प्लेटफॉर्म विस्तार में रतलाम, नागदा, उज्जैन, मेघनगर, जावरा, मंदसौर व नीमच में गति से काम चल रहा है। रेलवे का मानना है कि देश के अलग-अलग क्षेत्र से आने वाले यात्री करीब के स्टेशन पर आएंगे व उज्जैन जाएंगे। राजस्थान व गुजरात के यात्रियों के लिए रतलाम ही करीब रहेगा, इसलिए सबसे अधिक काम रतलाम रेलवे स्टेशन पर हो रहे है। यहां स्टेशन का चौड़ीकरण, नई लिफ्ट लगना, शेड बनना, एफओबी बनना आदि कार्य होना है।
दिल्ली से हो रही निगरानी

रेलवे के रतलाम रेल मंडल के इंजीनियरिंग से लेकर कार्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार रतलाम रेल मंडल ही नहीं, बल्कि सिंहस्थ को लेकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्य के महाकाल भक्त को उज्जैन तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए रेलवे ट्रैक को मजबूत करने, नया करने, गति बढ़ाने सहित अन्य कार्य जारी है। इसकी निगरानी सीधे रेलवे मंत्रालय दिल्ली से ही कर रहा है। इतना ही नहीं, रेल मंत्रालय से कई बार अधिकारी आकर सीधे निर्माण कार्य की जांच तक कर रहे है।
कई स्तर के काम

उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ 2028 को लेकर रेलवे प्रशासन बेहद गंभीर है। रेल मंडल में कई प्रोजेक्ट चल रहे है, जिनका लाभ सिंहस्थ के दौरान यात्रियों को मिलेगा। जिन रेल परियोजनाओं के लिए बजट जारी किया है, उसके टेंडर नियम अनुसार करने की प्रक्रिया प्रचलित है। सिंहस्थ के दौरान यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाने के लिए ट्रेन के फेरे बढ़ेंगे।
खेमराज मीणा, मंडल रेल प्रबंधक, रतलाम रेल मंडल

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