इस तरह किया रेलवे ने बदलाव पहले बदलाव में रेलवे ने अंतिम समय बनने वाले आरक्षण चार्ट के बाद भी करंट में आरक्षित टिकट देने को जारी करना शुरू किया। इसमे होता है ये कि अगर किसी यात्री को रतलाम से भोपाल या रतलाम से कोटा तृतिय श्रेणी वातानुकूलित बोगी में यात्रा करना हो तो टिकट 495 रुपए में दिया जा रहा है। जबकि अगर यात्री पूर्व में आरक्षण करवाता है तो यही टिकट यात्री को सभी प्रकार के शुल्क के साथ 540 रुपए में पड़ता है। रेलवे मुल किराए की राशि में अंतिम समय में आने वाले यात्री को 10 प्रतिशत की छूट दे रही है।
इस तरह मिल रहा लाभ रेलवे ने हर आरक्षण वाले जक्शन पाइंट पर चार्ट बनाने की शुरुआत कर दी। इससे अब टीटीई चाहे तो भी किसी यात्री को लंबी दूरी तक की सीट अपनी मर्जी से आरक्षित नहीं कर पाते। उदाहरण के लिए अगर किसी यात्री को पूर्व में रतलाम से मुंबई जाना होता था तो टीटीई रिक्त सीट पर ले जाते थे। अब रतलाम के बाद बड़ोदरा, सूरत में टीटीई को नए चार्ट मिलते है। ऑनलाइन टिकट व करंट योजना की वजह से टीटी को भी ये नहीं पता होता की कब कहां से सीट आरक्षित हो जाएगी।
यात्रियों के लिए लाभ के लिए है करंट बुकिंग में यात्रियों से आरक्षण शुल्क, एसी का शुल्क आदि तो लिया जाता है, लेकिन बेसिक फेयर में दस प्रतिशत की छूट दी जाती है। सीट उपलब्ध होने पर ये सुविधा रेलवे यात्रियों को रहा है।
– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल