डीईओ ने कहा नहीं दें किसी को वेतन
जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा ने हाल ही में संकुल प्राचार्यों को जारी निर्देश में कहा कि चुनाव या अन्य कार्यालय में लगे कर्मचारियों को मूल संस्था के लिए उपस्थिति होने के संबंध में निर्देश दिए जाते हैं। आप भी सभी को निर्देश दे कि वे संस्था में उपस्थित हो। ऐसा नहीं होने की दशा में इन सभी का आगामी माह का वेतन नहीं निकाला जाए।
जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा ने हाल ही में संकुल प्राचार्यों को जारी निर्देश में कहा कि चुनाव या अन्य कार्यालय में लगे कर्मचारियों को मूल संस्था के लिए उपस्थिति होने के संबंध में निर्देश दिए जाते हैं। आप भी सभी को निर्देश दे कि वे संस्था में उपस्थित हो। ऐसा नहीं होने की दशा में इन सभी का आगामी माह का वेतन नहीं निकाला जाए।
सैंकड़ों कर्मचारी हैं अटैच
जिले में कहीं निर्वाचन, कहीं किसी दूसरे कामों और कहीं नेताओं के यहां सैंकड़़ों कर्मचारी अटैच हैं। वे अधिकारियों से मिलीभगत करके या कर्मचारी संगठनों के नेताओं और पदाधिकारियोंकी मिलीभगत से किसी न किसी कार्यालय में अटैच हो जाते हैं और फिर वहीं पर रहना पसंद करते हैं। वजह साफ है कि उन्हें स्कूल जाने से तो निजात मिलेगी ही जिला प्रशासन के यहां काम करने से उनकी अलग पहचान बनेगी और कोई काम अटकता है तो वे वहां बैठे अपने संपर्कों से इन्हें निपटा लेते हैं।
जिले में कहीं निर्वाचन, कहीं किसी दूसरे कामों और कहीं नेताओं के यहां सैंकड़़ों कर्मचारी अटैच हैं। वे अधिकारियों से मिलीभगत करके या कर्मचारी संगठनों के नेताओं और पदाधिकारियोंकी मिलीभगत से किसी न किसी कार्यालय में अटैच हो जाते हैं और फिर वहीं पर रहना पसंद करते हैं। वजह साफ है कि उन्हें स्कूल जाने से तो निजात मिलेगी ही जिला प्रशासन के यहां काम करने से उनकी अलग पहचान बनेगी और कोई काम अटकता है तो वे वहां बैठे अपने संपर्कों से इन्हें निपटा लेते हैं।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चला रहे हैं वाहन
जिला प्रशासन के यहां कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं जो शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी के रूप में स्कूलों में पदस्थ हैं। इन्हें निर्वाचन के नाम पर डाक भेजने और लाने के लिए अटैच किया था किंतु अब ये अधिकारियों के वाहन चलाने का काम करने लगे हैं। अधिकारियों के साथ घुमने-फिरने का मौका मिलने पर ये अब स्कूल आना भी पसंद नहीं कर रहे हैं।
जिला प्रशासन के यहां कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं जो शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी के रूप में स्कूलों में पदस्थ हैं। इन्हें निर्वाचन के नाम पर डाक भेजने और लाने के लिए अटैच किया था किंतु अब ये अधिकारियों के वाहन चलाने का काम करने लगे हैं। अधिकारियों के साथ घुमने-फिरने का मौका मिलने पर ये अब स्कूल आना भी पसंद नहीं कर रहे हैं।