19 गेट खुले फिर भी काबू में नहीं आ रहा पानी
गांधीसागर बांध के रविवार को सुबह तक 19 गेट खोल दिए गए है। पानी की आवक करीब 10 से 12 लाख क्यूसैक तक आ गई है, जबकि बांध से महज 5 लाख क्यूसैक तक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे बांध में पानी का दबाव लगातार तेज होने से बिजली उत्पादन यूनिट बंद कर दी गई है तो पॉवर हाउस में भी बांध का पानी घुस गया है। मशीन और जनरेटर भी डूब गए है। नंबर 3 से आगे वाहनों को भी नहीं जाने दे रहे है। मुख्य पुलिया के पिल्लर डेमेज होने की संभावना है तो लाइट नेटवर्क ठप हो गया है।
गांधीसागर बांध के रविवार को सुबह तक 19 गेट खोल दिए गए है। पानी की आवक करीब 10 से 12 लाख क्यूसैक तक आ गई है, जबकि बांध से महज 5 लाख क्यूसैक तक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे बांध में पानी का दबाव लगातार तेज होने से बिजली उत्पादन यूनिट बंद कर दी गई है तो पॉवर हाउस में भी बांध का पानी घुस गया है। मशीन और जनरेटर भी डूब गए है। नंबर 3 से आगे वाहनों को भी नहीं जाने दे रहे है। मुख्य पुलिया के पिल्लर डेमेज होने की संभावना है तो लाइट नेटवर्क ठप हो गया है।
गांधीसागर बांध से करीब 41 गांव व 5 जिले सीधे तौर पर प्रभावित होते है, बांध का पानी राजस्थान के कोटा, रावतभाटा सहित श्योपुर, इटावा से यमुना नदी के क्षेत्र की ओर जाता है। करीब 300 किमी के एरिया में 23 गांव तक गांधीसागर का पानी रहवासी इलाकों के साथ खेतों की ओर से गुजरता है, इससे कई सहायक नदियों का कैचमेंट भी जुड़ा होने से खतरा और ज्यादा गहरा जाता है, फिलहाल लोग गांधीसागर बांध के पानी की आवक को देखते हुए ईश्वर से प्रार्थना करने में जुटे है, गांधीसागर में ये हो रहा है।