MUST READ : रेलवे: अगस्त माह की रैकिंग में रतलाम नंबर वन सुबह करीब 10 बजे जब वेतन नहीं मिला तो कर्मचारी काम रोककर मैनेजर कुंदन पंड्या के पास पहुंचे। यहां पंड्या से कर्मचारियों ने ठेकेदार से बात करवाने की मांग करते हुए कहा कि जब तक वेतन नहीं मिलेगा तब तक काम नहीं करेंगे। इसके बाद मैनेजर ने कह दिया कि काम बंद कर दो। जब काम बंद हो गया व रेलवे कर्मचारी आए व भोजन बनता नहीं देखा तो वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद मंडल मुख्यालय से एक अधिकारी को भेजा गया। अघिकारी ने आकर सामाजंस्य बनाने का प्रयास किया।
MUST READ : VIDEO कहर बनी बारिश, 60 से ज्यादा गांव पानी में डूबे सभी पक्ष की बात सुनी बाद में एईई टीआरओ श्रीधर कुमार शेट्टी, सुपरवाईजर हदयेश पांडे रनिंग रूम पहुंचे। पहले कर्मचारियों की बात को सुना गया। इसके बाद मैनेजर से बात की गई। रेलवे अधिकारियों को बताया कि जिस कंपनी का ठेका है उसने पट्टा ठेका दे रखा है। इसके बाद मैनेजर से बिल कितने समय का शेष है आदि की जानकारी ली गई व भरोसा दिया, उनको वेतन जल्दी ही दिया जाएगा। रनिंग रूम में बड़ोदरा, कोटा, चित्तौडग़ढ़ सहित अन्य स्थान के इंजन चालक रुकते है। रात में आने के बाद उनको रेलवे सुबह व रात का भोजन उपलब्ध कराती है। तीन वर्षो में ये चौथी बार हुआ है जब वेतन नहीं मिलने से नाराज कर्मचारियों ने काम बंद किया हो। करीब 90 मिनट तक कर्मचारियों ने रोटी का इंतजार किया। बाद में कर्मचारी हड़ताल से लौटे व काम की शुरुआत की।
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ये हमारा निजी मामला है। इस संबंध में ज्यादा चर्चा नहीं की जा सकती।
– कुंदन पंड्या, रनिंग रूम मैनेजर
ये हमारा निजी मामला है। इस संबंध में ज्यादा चर्चा नहीं की जा सकती।
– कुंदन पंड्या, रनिंग रूम मैनेजर
बिल अब लगाया
रेलवे ने भोजन निर्माण का ठेका दे रखा है। रेलवे बिल मिलने पर भुगतान करती है। ठेकेदार के कर्मचारियों ने कुछ देर के लिए कार्य रोका था, जिनको बाद में समझा दिया गया है।
– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल
रेलवे ने भोजन निर्माण का ठेका दे रखा है। रेलवे बिल मिलने पर भुगतान करती है। ठेकेदार के कर्मचारियों ने कुछ देर के लिए कार्य रोका था, जिनको बाद में समझा दिया गया है।
– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल