यह भी पढे़ं -RATLAM की अल्पना के सुझाव पर ही हिन्दी में डब हुई बाहुबली kattapa ने बाहुबली को क्यों मारा यह सवाल देश में कश्मीर समस्या का समाधान कब होगा की तरह पूछा जा रहा था। एसएस राजमौली की फिल्म बाहुबली: द बिगनिंग को हिंदी में विशेष रूप से पसंद किया गया था। यह बात कम लोग जानते हैं कि बाहुबली फिल्म का मध्यप्रदेश से सीधा कनेक्शन हैं। रतलाम में पली-बढ़ी अल्पना उपाध्याय ही इस फिल्म को करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले हिंदी में लेकर आई थी। वे बाहुबली-1 व बाहुबली- 2 में डबिंग क्रिएटर रही हैं।
यह भी पढे़ं -रिलीज से ही पहले लीक हो गई, MP की इस लड़की का है बड़ा हाथ ऐसे आई थी हिंदी में लाने की योजना इस फिल्म को हिंदी में लाने की योजना कैसे बनी यह कहानी भी काफी दिलचस्प है। इस फिल्म के प्रोड्यूसर शोभु यरलगड्डा, करण जौहर व अल्पना एक पार्टी में थे। यहां केक खाते हुए बात की लंबे समय से कोई बेहतरी ऐसी फिल्म नहीं आई जो परिवार के साथ बैठकर देखी जा सके व जिसको देखने के लिए परिवार में बच्चें भी जीद करे। इसके बाद ही अल्पना ने सुझाव दिया कि bahubali का हिंदी वर्जन जारी होना चाहिए। इसके बाद कई भाषाओं में यह फिल्म डब होने के बाद हिन्दी भाषी प्रदेशों में भी धूम मचा चुकी है।
यह भी पढे़ं – बाहुबली- द कन्क्लूजन: ये है ‘कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा’ का जवाब! तब लगे थे चार माह सही हिंदी की तलाश में रतलाम की अल्पना ने पत्रिका को अपने अनुभव के साथ बताया था की देश को भले हिंदी भाषी कहा जाता हो, लेकिन इस फिल्म में तेलगु से हिंदी में सही उच्चारण के लिए डब करने वाले कलाकारों की तलाश में चार माह लग गए थे। इसके बाद भी जब डबिंग शुरू हुई तो कई बार ऐसे अवसर आए की किसी कलाकार की आवाज मुल फिल्म के कलाकार से मैच नहीं हो रही थी। ऐसे में ताबड़तोड़ नए डबिंग आर्टिस्ट की तलाश शुरू की जाती थी।
यह भी पढे़ं -National Film Awards 2018: बाहुबली सबसे बेस्ट, MP की इस लड़की ने बनाया इसे बेहद खास रोना आ जाता था तब रतलाम की अल्पना के अनुसार लगातार काम 8 से 10 घंटे की डबिंग के बाद भी जब कोई कलाकार की आवाज को लेकर परेशानी आती थी तो रोना आ जाता था। ऐसे में तेलगु संस्करण के निदेशक व प्रोड्यूसर हौसला बढ़ाते थे। फिल्म का दूसरा पार्ट आने के बारे में अधिकृत घोषणा करण जौहर ने कर दी।
यह भी पढे़ं – खुलासाः हो गया शूट, कट्प्पा ने बाहुबली को क्यों मारा मिला था राष्ट्रीय पुरस्कार इस फिल्म को मुंबई में आयोजित 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के आयोजन में बाहुबली (द कन्क्लूजन) को इंटरटेनर फिल्म ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया था, तब पत्रिका से विशेष बातचीत में अल्पना ने इस पुरस्कार पर बेहद खुशी जाहिर की थी। अल्पना ने कहा था कि इस फिल्म में सभी डबिंग आर्टिस्ट ने दिनरात मेहनत की है। फिल्म को मिले पुरस्कार का श्रेय राजमौली, करणजौहर समेत सभी एक्टर और सभी डबिंग आर्टिस्ट को जाता है।
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यह है रतलाम की अल्पना उपाध्याय अल्पना उपाध्याय रतलाम में पली-पढ़ी है। उनकी स्कूली शिक्षा रतलाम के गुजराती समाज विद्यालय से हुई है। स्कूल के बाद उन्होंने शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय से बीएससी में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद लंदन से फिल्म एडिटिंग व डबींग का विशेष कोर्स किया। 1982 में मुंबई में एमबीए करने गई और वहीं थियेटर से जुड़ गईं। इसके बाद बालीवुड में यह सिलसिला चल पड़ा।
यह है रतलाम की अल्पना उपाध्याय अल्पना उपाध्याय रतलाम में पली-पढ़ी है। उनकी स्कूली शिक्षा रतलाम के गुजराती समाज विद्यालय से हुई है। स्कूल के बाद उन्होंने शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय से बीएससी में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद लंदन से फिल्म एडिटिंग व डबींग का विशेष कोर्स किया। 1982 में मुंबई में एमबीए करने गई और वहीं थियेटर से जुड़ गईं। इसके बाद बालीवुड में यह सिलसिला चल पड़ा।
यह भी पढे़ं – अभी करें रिजर्वेशन, रेलवे ने दी ये सौगात, देश की इन 32 ट्रेन में खाली है सीट अब होगा ये पार्ट- 3 में कहानी के बारे में बताने से इंकार करते हुए अल्पना ने कहा ये तो देखने पर ही पता चलेगा इस बार फिल्म में क्या है, लेकिन ये तय है की भारतीय संस्कृति, भारतीय गौरव व हमारा वैदिक ज्ञान कितना मजबूत था, वो इसबार फिल्म को देखकर जान पाएंगे। हालाकि इस बार पार्ट- ३ वेब सिरीज में आएगी। इसलिए दर्शक इसको टॉकिज या थिएटर के बजाए मोबाइल या कम्प्यूटर से लेकर लेपटॉप पर इंटरनेट की सहायता से देख पाएंगे।