विलासी थे नवाब कल्बे अली खान नवाब कल्बे अली खान के बारे में कहा जाता है कि वह बेहद ही विलासी शख्स थे। हमेशा वासना में लिप्त रहते थे। कहते तो यह भी हैं कि नई दुल्हनों को नवाब के पास लाया जाता था। जिन्हें वह पसंद कर लेता था, उसे राजमहल में रात बितानी पड़ती थी। लेकिन, इन तथ्यों में कितनी सच्चाई है, इसके बारे में इतिहास मौन है। हो सकता है यह मनगढ़त कहानियां हों, जिससे नवाब के चरित्र हनन की कोशिशें की गई हों। ये सभी बातें मीडियो रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
यह भी पढ़ें- देश के सबसे अय्याश राजा के महल में नग्न आने पर ही मिलता था प्रवेश, 365 रानियों संग जीता था लग्जरी लाइफ अरबी-फारसी के थे अच्छे विद्धान हालांकि नवाब कल्ब अली खान अरबी और फारसी के विद्वान भी थे। उनके शासनकाल में रामपुर रियासत में साहित्य को भरपूर प्रोत्साहन मिला। नवाब कल्बे अली खान का महत्वपूर्ण योगदान 13वीं शताब्दी के प्रसिद्ध फारसी कवि शेख सादी की पुस्तक ‘करीमा’ का देवनागरी ब्रज भाषा में कवि बलदेव दास चौबे शाहबाद रामपुर निवासी से आग्रह करके अनुवाद कराना था। यह अनुवाद दोहे और चौपाईयों के माध्यम से बहुत सुंदर रीति से सन् 1873 में बरेली रुहेलखंड लिटरेरी सोसायटी की प्रेस में छापा गया था।