पीड़ित ऋषिपाल का कहना है कि 20 जुलाई को पत्नी से कहासुनी हो गई थी। जिसकी शिकायत करने पत्नी ढकिया चौकी पहुंच गई थी। करीब शाम पांच बजे ढकिया चौकी में तैनात सिपाही जयदेव सिंह व अमित कुमार पीड़ित के घर पहुंचे और उसे चौकी ले आए।
सिपाहियों ने रात में पीड़ित की जाति पूछी और शराब के नशे में गाली देते हुए लात-घूसों और डंडों से बुरी तरह से पीटा। पिटाई के दौरान पीड़ित के प्राइवेट पार्ट पर चोट लग गई। इससे वह चौकी में ही बेहोश हो गया था। जब होश आया तो सिपाही रात में अपने कमरे में ले गए और से पूरी रात हाथ पैर दबवाए।
रविवार सुबह को पुलिसकर्मियों ने पीड़ित को छोड़ दिया। घर पहुंचने के बाद पत्नी को शरीर दिखाया, तब और लोगों को इसके बारे में पता चला। सिपाहियों के पीटे गए ऋषिपाल ने अपने चोटों के निशान की वीडियो बनाकर वायरल कर दी। घटना के बाद एक समाज के लोग एकत्र हो गए।
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आक्रोशित लोगों ने सीओ कार्यालय के बाहर पहुंचे और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। सीओ ने मामले को भांपते हुए हुए दोनों आरोपी सिपाहियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। सीओ संगम कुमार ने बताया कि पीड़ित का मेडिकल करवाया है। भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष सुनील सागर अपने कार्यकर्ताओं के संग पीड़ित के साथ सीओ के यहां पहुंच गए और घटना की निंदा की। पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा शहीद भगत सिंह युवा मोर्चा के अध्यक्ष रजत कुमार, पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह सागर, राजकुमार सागर ने कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में रामपुर एसपी ने बताया कि ढकिया में पति-पत्नी के विवाद में पति को पूछताछ के लिए उठाया गया था। जांच में पता लगा है कि सिपाहियों ने उसकी पिटाई की है। इस मामले में दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।