– गेहूं की कटाई अभी तक शुरू नहीं होना
– बाजार में गेहूं के भावों में तेजी होना
– मंडी में तुलाई, तुरंत मिलता भुगतान
– जिले में अधिकांश काश्त छोटी होना
– बारिश के कारण क्वालिटी में फर्क आना।
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जिले के कांकरोली में एक रजिस्ट्रेशन हुआ है। इसी प्रकार कुंवारिया में एक, नाथद्वारा में तीन, पीपली डोडियाना में चार, मदारा में एक, रेलमगरा में 2 काश्तकारों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसी प्रकार ओड़ा, कुरज, कोटड़ी और राज्यावास में अभी तक एक भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।
गेहूं की बुवाई 31530 हेक्टेयर में हुई है। राजस्थान के कृषि विभाग के अनुसार जिले में रबी की बुवाई का लक्ष्य 59,000 हेक्टेयर का दिया था, इसके बदले 55579 हेक्टेयर में बुवाई हुई है। इसमें सर्वाधिक बुवाई गेहूं की है। अधिकांश क्षेत्र में फसलों की स्थिति अच्छी बताई जा रही है। इससे अच्छी पैदावार की उम्मीद है।
मंडी के जानकारों के अनुसार पिछले साल भी रबी फसल के तहत गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद की प्रक्रिया की गई थी, लेकिन नाममात्र के रजिस्ट्रेशन होने के कारण खरीद नहीं हो सकी थी। इसके कारण भी मंडी में गेहूं की अच्छी रेट मिलना माना गया था।
किस्म निरीक्षक सरेन्द्र नाथावत ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीद रविवार से प्रारंभ होगी। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। लोडिंग और बारदाने आदि के टेण्डर हो चुके हैं। पंजीयन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं, अभी तक 12 रजिस्ट्रेशन हुए हैं।
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