मत्स्य विकास अधिकारी कार्यालय में आठ पद स्वीकृत है। इसमें एक मत्स्य विकास अधिकारी, एक क्लर्क, एक मत्स्य क्षेत्रिक एवं 5 मत्स्य पालक के पद स्वीकृत है। इसमें से वर्तमान में सिर्फ एक क्लर्क कार्यरत है, जबकि एक महिला को पद के विरूद्ध चतुर्थ श्रेणी के पद पर लगा रखा है।
टेक्निकल स्टॉफ का काम
– तालाब आदि के ठेके करवाना
– मत्स्य बीज की जानकारी देना
– तालाबों की चैकिंग करना
– मछलियों की जांच एवं दिशा-निर्देश
इस तरह होते हैं ठेके
– जिले में एक क्लास के पांच डेम है। बाघेरी का नाका, नंदसमंद बांध, चिकलवास, देवगढ़ का सापेरी डेम और मानसरोवर में मत्स्य पालन हो रहा है। 5 लाख से अधिक के ठेके विभागीय मुख्यालय स्तर पर होते हैं।
– बी क्लास के 12 तालाब है। वर्तमान में इसमें से 10 में मत्स्य पालन हो रहा है। जिला परिषद के माध्यम से 50 हजार से 5 लाख तक के ठेके किए जाते हैं। इससे जिला परिषद को आय होती है।
– पंचायत समिति के अधीन आने वाले तालाब के ठेके पंचायत करती है। वर्तमान में 35 में से 23 में मत्स्य पालन हो रहा है। इसमें 10 हजार से 50 हजार तक के ठेके पंचायत के माध्यम से होते हैं।
नहीं होने देते काम बाधित
मत्स्य विभाग के काम तो बाधित नहीं होने देते हैं। टेक्निकल स्टॉफ आदि की भर्ती कर्मचारी चयन बोर्ड से होती है। यहां पर एक बाबू और एक चतुर्थ श्रेणी कार्यरत है।
– अनिल जोशी, सहायक निदेशक मत्स्य पालन विभाग उदयपुर