शिक्षा : स्कूल, कॉलेज, प्रशिक्षण संस्थान
चिकित्सा : सरकारी- निजी स्वास्थ्य केंद्र व अस्पताल
पशुधन-डेयरी : पशुधन, डेयरी, पशु केंद्र, गोशाला
पेयजल : हैंडपंप, बोरवेल, कुएं, पेयजल टंकी, पाइप लाइन, पेयजल योजना
बिजली : 11 केवी, 33 केवी, 220 व 440 केवी जीएसएस व कुल बिजली कनेक्शन, वंचित परिवार
यातायात/परिवहन : बस स्टैंड, बस सेवा, ऑटो, गांव तक पक्की सड़क (सीसी, डामर), रेलवे स्टेशन, यात्री प्रतिक्षालय या शेड
रिक्रिएशन सुविधाएं : सामुदायिक केंद्र, उद्यान, खेल मैदान, सिनेमा, मिनी सिनेमा
सरकारी दफ्तर : ग्राम पंचायत, पटवार मंडल, आंगनवाड़ी, किसान सेवा केंद्र, डाकघर, पुलिस थाना या चौकी, बैंक भवन, सहकारी समिति, दुग्ध संग्रहण केंद्र, सहकारी गोदाम।
सरकारी आवास : चिकित्सक आवास, एएनएम आवास, पशु चिकित्सक आवास, गिरदावर आवास, पटवारी व
अन्य सुविधाएं : सामुदायिक शौचालय, श्मशान, कब्रिस्तान, व्यवसाय केंद्र, पशु चरागाह, बावड़ी, जोहड़, सार्वजनिक कुआ, तालाब, एनिकट, खनिज मंडी, लघु उद्योग केंद्र, सिंचाई बांध, टेलीफोन एक्सचेंज, कॉमन सर्विस सेंटर, औद्योगिक इकाई, राजीव गांधी सेवा केंद्र, विलेज हाट, कृषि मंडी/ यार्ड, दूध मंडी, खदानें।
गांव और कार्मिकों की स्थिति
114 कुल ग्राम पंचायतें
1010 राजस्व गांव
150 पटवारी (औसत)
150 ग्राम विकास अधिकारी (औसत)
15 पंचायत प्रसार अधिकारी
5 अभियंता/ तकनीकी सहायक
7 पंचायत समितियों के विकास अधिकारी
सुनियोजित विकास के लिए हर गांव का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक गांव में अभी उपलब्ध स्ट्रक्चर, सुविधाओं को सूचीबद्ध करने का कार्य चल रहा है। इसके लिए पटवारी- ग्राम विकास अधिकारी को प्रशिक्षित कर दिया है। नजरी नक्शे पटवारियों द्वारा तैयार किए जाएंगे। फिर उस मास्टर प्लान के अनुरुप ही गांवों में व्यवस्थित विकास कार्य होंगे।
नीमिषा गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद राजसमंद