Rajasthan News : अब इस कार्ड में सुधार करना हुआ और आसान, सरकार ने जारी किए आदेश
पेटे में है आठ गांवों की जमीन
राजसमंद झील के पेटे में बासोल, भगवानंदा, भाणा, लवाणा, सेवाली, भगवांदा खुर्द, रूण राजसमंद सर्कल अ और ब के करीब 1072 खसरे आ रहे हैं। झील का सीमांकन होने से झील के पेटे में अतिक्रमण, निर्माण कार्य आदि नहीं हो सकेंगे। इसके साथ ही झील के ब्यूटीफिकेशन आदि के कार्य हो सकेंगे।गत वर्ष छलकी झील के देख रहे निशान
राजसमंद झील 2017 में और इसके पश्चात 2023 में छलकी थी। नगर परिषद के अधिकारी झील से सटे गांवों में जाकर पेड़ पर, दीवार पर, खेत की मुंडेर आदि पर बने पानी के निशानों के आधार पर चिन्हित कर रहे हैं। इससे डूब क्षेत्र, जहां तक पानी आता वह क्षेत्र और जो क्षेत्र बचेगा उसके बारे में जानकारी मिल सकेगी।2008 में 38 करोड़ का भेजा था प्रस्ताव
राजसमंद झील के सौन्दर्यीकरण के लिए 2008 में करीब 38 करोड़ के प्रस्ताव बनाकर भेजे गए थे, लेकिन झील का सीमांकन नहीं होने के कारण वह ठंडे बस्ते में चला गया। ऐसे में यदि झील का सीमांकन हो जाता है तो झील के सौन्दर्यीकरण के लिए बजट आदि मिलने की उम्मीद है। इसे हेरिटेज लेक परियोजना में शामिल करवाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।1662 से 1676 के बीच झील का हुआ निर्माण
- 2.82 किमी. चौड़ाई और 6.4 किमी लम्बाई
- 30 फीट पूर्ण गेज और 3786 एमसीएफटी भराव क्षमता
- 45 राजसमंद के गांव में 10,144 हेक्टेयर में होती सिंचाई
- 07 नाथद्वारा के गाांव की 467 हेक्टेयर में होती है सिंचाई
- 700 एमसीएफटी पीएचईडी के लिए रखा जाता है रिजर्व
- 15 से 16 लाख लीटर पानी प्रतिदिन शहर में होता सप्लाई