जिले में साइबर क्राइम के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। मोबाइल, कम्प्यूटर और इंटरनेट की मदद से अपराधी पैसों की ठगी ही नहीं कर रहे, बल्कि लोगों, खासकर महिलाओं को निशाना बनाकर उन्हें ब्लैकमेल या बदनाम करने के मामले भी सामने आए हैं। कुल 9 मामले, जिनमें कम्प्यूटर के इस्तेमाल से पीड़ित की पहचान से छेड़छाड़ करने, अश्लील कंटेंट अपलोड करना, बच्चों के यौन कृत्य को प्रदर्शित करती सामग्री अपलोड करना आदि।
शिक्षा व सही दिशा रोक सकती है इन्हें
अपराधों में शामिल अधिकतर बच्चे पारिवारिक रूप से गरीब पृष्ठभूमि के होते हैं। बड़ी गैंग के लोग इन्हें लालच देते हैं। मूल रूप से शिक्षा की कमी जिम्मेदार है। पहले बालश्रम का लालच देते हैं। कम समय में पैसा कमाने की उन्हें आदत पड़ जाती है तो फिर येन-केन-प्रकारेण पैसा कमाने की कोशिश में अपराध की दिशा में मुड़ जाते हैं। इन्हें नियमित शिक्षा व सही दिशा देकर अपराधों से रोका जा सकता है।
– बहादुरसिंह चारण, सदस्य, बाल कल्याण समिति राजसमंद
अपराधों में शामिल अधिकतर बच्चे पारिवारिक रूप से गरीब पृष्ठभूमि के होते हैं। बड़ी गैंग के लोग इन्हें लालच देते हैं। मूल रूप से शिक्षा की कमी जिम्मेदार है। पहले बालश्रम का लालच देते हैं। कम समय में पैसा कमाने की उन्हें आदत पड़ जाती है तो फिर येन-केन-प्रकारेण पैसा कमाने की कोशिश में अपराध की दिशा में मुड़ जाते हैं। इन्हें नियमित शिक्षा व सही दिशा देकर अपराधों से रोका जा सकता है।
– बहादुरसिंह चारण, सदस्य, बाल कल्याण समिति राजसमंद
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जिले में दर्ज अपराध, जिनमें नाबालिग डिटेन हुएहत्या 01
हत्या का प्रयास 04
दंगा 01
शांतिभंग 02
ब्लैकमैलिंग 01
लूट 03
सम्पत्ति विरुद्ध 23
धोखाधड़ी 01
आईपीसी 420 01
दस्तावेजी अपराध 01
क्रिमिनल ट्रेसपास 9
अन्य अपराध 9
सेंधमारी 04
चोरी 03
बाइक चोरी 12
गैरकानूनी कार्य 01
(आंकड़े एनसीबीआर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार)