इससे पूर्व पर्यटन विभाग की उप निदेशक डायरेक्टर शिखा सक्सेना, उपखण्ड अधिकारी जयपाल सिंह राठौड, जिला पर्यटन अधिकारी जितेंद्र माली, विवेक जोशी, हेजिटेज सोसायटी के सचिव कुबेरसिंह सोलंकी, पथ्वीसिंह झाला और रानू ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया।
पर्यटन उपनिदेशक सक्सेना ने बताया कि बाड़मेर के देऊ खान मांगणियार लंगा गायक ने गणपति वन्दना और विजय भट्ट, उदयपुर ने आकर्षक कच्छी घोड़ी नृत्य पेश किया। किशनगढ़ के वीरेंद्र सिंह ने घूमर नृत्य, बारां से आए शिवनारायण का चकरी नृत्य, बारां के गोपाल धानुक ने सहरिया स्वांग नृत्य, बाड़मेर से आए तगाराम का सफेद आंगी गैर नृत्य, धनराज कुंभलगढ़ का बांकिया वादन, चित्तौड़ से आए बहरूपिये ने भी विभिन्न भेष बनाकर खूब वाह-वाही लूटी। चूरू से आए सुरेश का होली पर होने वाला चंग नृत्य, जोधपुर से आए पारसनाथ कालबेलिया ने कालबेलिया नृत्य पेशकर खूब ठुमके लगाए। जीवनदास समीचा और धनदास गोगुंदा का तेरह ताल नृत्य ने भी खूब तालियां बटोरी।