scriptWorld Blood Donation Day : यह काम हो जाए तो एक यूनिट ब्लड चार लोगों के आए काम…पढ़े क्या है जरूरत | If this work is done then one unit of blood can help four people… read what is the need | Patrika News
राजसमंद

World Blood Donation Day : यह काम हो जाए तो एक यूनिट ब्लड चार लोगों के आए काम…पढ़े क्या है जरूरत

आर.के.राजकीय चिकित्सालय सहित जिले में कहीं भी यह सुविधा उपलब्ध नहीं
सीडीएससीओ के मानकों को भी कर रहे पूरा, फिर भी नहीं मिल रही सुविधा

राजसमंदJun 14, 2024 / 11:44 am

himanshu dhawal

राजसमंद आर.के.राजकीय चिकित्सालय

राजसमंद. जिला मुख्यालय स्थित आर.के.राजकीय चिकित्सालय में ब्लड कॉम्पोनेंट सेपरेटर मशीन बेहद जरूरी हो गई है। इससे एक यूनिट खून चार लोगों के काम आ सकता है। इसके बावजूद अभी तक इस ओर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, जबकि चिकित्सालय सीडीएससीओ के मानकों को भी पूरा कर रहा है। जिले में विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं संस्थाओं की ओर से रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। यहां पर एकत्र रक्त को बीमार एवं जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाता है। इसमें मुख्य बात यह है कि रोगी को आरबीसी, प्लेटलेट्स, प्लाज्मा और डब्ल्यूबीसी में से किसी एक या दो घटकों की आवश्यकता होती है, लेकिन ब्लड सेपरेटर मशीन नहीं होने के कारण उसे पूरा एक यूनिट ही चढ़ाना पड़ता है, ऐसे में ब्लड में इन चारों घटक को अलग करने पर एक यूनिट ही कई लोगों के काम आ सकता है। इससे ब्लड की बचत होगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिल सकता है। ऐसे में जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को भी इसके लिए मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि जिले में कहीं भी ब्लड कॉम्पोनेंट सेपरेटर मशीन नहीं हैं।

क्यों जरूरी है ब्लड सेपरेटर

मनुष्य की खून में पैक्ड आरबीसी (लाल रक्त कणिकाएं), प्लेटलेट्स, प्लाजमा और डब्ल्यूबीसी (श्वेत रक्त कणिकाएं) होती है। ऐसे में जरूरी नहीं की मरीज, बीमार या घायल को इन चारों घटक की आवश्यकता होती है, लेकिन ब्लड कॉम्पोनेंट सेपरेटर मशीन की सुविधा नहीं होने के कारण मरीज अथवा बीमार व्यक्ति को चारों घटक चढ़ाना पढ़ता है।

रक्त संग्रहण पर एक नजर

वर्ष संग्रहण खपत

  • 2017 4007 3939
  • 2018 4343 4323
  • 2019 4882 4612
  • 2020 3935 4138
  • 2021 4498 4484
  • 2022 6108 6067
  • 2023 5200 5000
  • 2024 2336 2340 (अभी तक)

लाइसेंस मिलने में भी नहीं होनी चाहिए अड़चन

जानकारों के अनुसार रक्त घटक विभाजक मशीन और पूरी यूनिट की स्थापना के लिए कंट्रोल ड्रग स्टैण्डर्ड सेंटल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्यरत नियामक संस्था लाइसेंस जारी करती है। मेडिकल डिवाइस विनियमन 2017 और ड्रग एंड कॉस्टमेटिक अधिनियम 1940 और नियम 1945 के तहत यह काम करती है। जानकारों के अनुसार लगातार तीन सालों तक पांच-पांच हजार यूनिट रक्त संग्रहण की अनिवार्यता की शर्त को भी आर.के. स्थित ब्लड बैंक पूरा कर रहा है।

पूरी यूनिट होती है स्थापित

ब्लड सेपरेटर मशीन एवं इकाई स्थापना के लिए ब्लड कम्पोनेंट सेपरेटर मशीन, डीप फ्रीजर, कम्प्यूटर सिस्टम एवं काउंटर सहित कई तरह के उपकरण की आवश्यकता होगी। ब्लड सेपरेटर मशीन करीब एक करोड़ रुपए की आएगी। इसके लिए अलग से भवन की आवश्यकता होगी। वर्तमान में ब्लड बैंक में सिर्फ दो बेड लगे हैं, जबकि नई यूनिट बनने पर करीब 10 बेड की आवश्यकता होगी।
जेल के बंदी कर रहे अनोखा काम, बंजर भूमि को बनाएंगे हरा-भरा…पढ़े पूरी खबर

जिला चिकित्सालय में मशीन बेहद जरूरी

जिला चिकित्सालय में ब्लड सेपरेटर मशीन बेहद जरूरी है। इससे मरीजों को भी फायदा होगा और एक यूनिट ्रखून कई लोगों के काम आ सकेगा। रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से समय-समय पर इसकी मांग भी की जा रही है। जिला चिकित्सालय सीडीएससीओ के मानकों को भी पूरा कर रहा है।
बृजलाल कुमावत, मानद सचिव रेडक्रॉस सोसायटी राजसमंद

जहां मेडिकल कॉलेज वहां होती है यह व्यवस्था

सरकार की ओर से जहां पर मेडिकल कॉलेज होता है, वहां पर ब्लड सेपरेटर यूनिट उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए कई पैरामीटर्स होते हैं, यह पूरी यूनिट होती है। हालांकि कभी-कभी ब्लड सेपरेटर मशीन की आवश्यकता महसूस तो होती है।
  • डॉ. रमेश रजक, पीएमओ आर.के.राजकीय चिकित्सालय राजसमंद

Hindi News/ Rajsamand / World Blood Donation Day : यह काम हो जाए तो एक यूनिट ब्लड चार लोगों के आए काम…पढ़े क्या है जरूरत

ट्रेंडिंग वीडियो