इस शहर की रोडवेज बसें हो गई कंडम, पढ़े कब मिलेगी राहतhttps://www.patrika.com/rajsamand-news/roadways-buses-of-this-city-have-become-obsolete-read-when-will-we-get-relief-18630233 यूं चला बच्चे का पता
गणेशपुरा थाने में नवीन पदस्थापित एसआई हनुवंत सिंह को मुखबीर ने सूचना दी कि गामड़ीदेव गांव में शंकर कालबेलिया के डेरे पर एक बच्चा है। वह देखने में किसी अच्छे परिवार का लगता है। शक होने पर करीब 40 किलोमीटर दूर थानाप्रभारी उसके डेरे में पहुंचे। डेरे में तीन बच्चे मिले। इसमें दो लडक़ी और एक लडक़ा था। वह बच्चा देखने में दोनों लड़कियों से अलग दिख रहा था। पुलिस उस बच्चे को गणेशपुरा थाने लेकर सुबह करीब चार बजे पहुंची। वह बच्चा करीब तीन साल से अधिक का हो गया था। थानाप्रभारी ने बच्चे को अपने बच्चों के साथ सुला दिया। इसके पश्चात वह दोपहर करीब 12 बच्चा नॉर्मल हुआ तो थानाप्रभारी ने बच्चे से नाम पूछा। उसने अपना नाम पप्पू और पिता का नाम शंकर कालबेलिया और माता का नाम दुर्गा बताया। उन्हें लगा कि पुलिस से गलती हो गई।
बच्चे के मुंह से निकला आवरी माता
कुछ देर बाद थाना प्रभारी ने बच्चे से एकदम से पूछा की कहां पर रहता है तो बच्चे के मुंह से निकल गया आवरी माता। थानाप्रभारी ने सोचा की आवरी माता मंदिर तो चितौड़ में है। उसने तुरंत चितौडगढ़़ थाने के कन्ट्रोल पर फोन लगाया और पूछा कि किसी बच्चे की गुमशुदगी दर्ज हुई है क्या, इस पर वहां से जवाब मिला कि यहां से तो नहीं भदेसर थाने में करीब आठ माह पहले आवरी माता मंदिर से बच्चा गायब हुआ था। उन्होंने भदेसर थाने से गुमशुदगी की जानकारी ली और उसमें लिखा बेसिक फोन नम्बर लिया।
बच्चे का नाम लेते ही मां ने छीना फोन
थाना प्रभारी हनुवंत सिंह ने जैसे ही राजमसंद में रमेशचन्द्र खारोल को फोन लगाया। फोन रमेशचन्द्र ने उठाया। बच्चे की बात सुनते ही रोहित की मां ने फोन छिल लिया। उसने बताया कि उसका बच्चा गोरा है और कान में सोने के लौंग पहन रखे हैं और उसके बीच में नीले रंग का नग लगा हुआ है। पुलिस को मिले उस बच्चे ने भी यह पहन रखा था। इसके कुछ ही घंटों में रोहित के माता-पिता गणेशपुरा थाने पहुंच गए और उस बच्चे से लिपटकर घंटो रोते रहे। इसके पश्चात आवरी माता में बड़ी प्रसादी और जुलूस का आयोजन किया था।
कांकरोली थाना प्रभारी पहुंचे गायत्री शक्ति पीठ
कांकरोली थानाधिकारी हनुवंत सिंह ने कुछ दिन पहले आमेट से यहां पदस्थापित हुए हैं। वह गश्त के दौरान जलचक्की के निकट गायत्री शक्ति पीठ पहुंचे। उन्होंने उक्त घटना क्रम को याद किया तो वहां पर मौजूद लोगों ने बताया कि रमेशचन्द्र खारोल कोरोना के बाद से कुंवारिया के पास खंडेल गांव में शिफ्ट हो गए है। उन्होंने फोन पर उनकी बात भी करा दी। दो-तीन दिन पहले रोहित कांकरोली थाने पहुंचा। उसने जैसे ही पैर छूए और अपना नाम रोहित खारोल बताया तो थानाधिकारी ने उसे गले से लगा दिया। रोहित एक कम्पनी में सुपरवाइजर है।