राजसमंद. कहते हैं कि मेहनत के पीछे सफलता छिपी है। यदि कोई मन से किसी भी काम को करता है तो उसे परिणाम भी सुकून देने वाले मिलते हैं। ऐसा ही कुछ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय देवपुरा में अध्ययन करने वाले छात्र कर दिखाया है। जिसने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 96.33 प्रतिशत अंक हासिल कर राजसमंद को गौरवान्वित किया है। ये छात्र है राहुल पूर्बिया जिसके परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं है।
आर्थिक हालातों से जूझने के बावजूद इस छात्र ने ये मुकाम हासिल कर लिया। राहुल ने बताया कि पिता मोहनलाल पूर्बिया केलवा चौपाल में पानीपुरी का ठेला लगाते हैं। पिता की 12-13 घंटे की मेहनत से जो आय होती। उससे ही परिवार का लालन-पालन होता। इसी माली हालत को देखकर मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हुई और फिर मेहनत से पढाई में जुट गया। राजकीय स्कूल के छात्र राहुल ने बताया कि उसने लगातार सात-आठ घंटे पढ़ाई की।
वह आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहता है। इसके माध्यम से वह देश के विकास में भागीदारी निभाने की चाह रखता है। राहुल की मांग लीलादेवी गृहिणी हैं। वह भी समय मिलता तो पिता के काम में हाथ बंटाता था। इसके बाद पूरा समय पढ़ाई को देता था। उसने संदेश दिया कि मेहनत का कोई मोल नहीं है। यदि मन से तैयारी की जाए तो सफलता कदम चूमती है।
हर्षिका ने मारी बाजी, 99.67 प्रतिशत अंक हासिल किए
राजसमंद. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं के परिणाम में हर्षिका मेहरा ने नाथद्वारा का नाम प्रदेश में रोशन किया है। छात्रा ने 99.67 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। छात्रा की इस उपलिब्ध पर स्कूल व उसके घर में खुशी का माहौल है। इनके पिता अविनाश मेहरा राजकीय उमावि नई हवेली में सरकारी शिक्षक हैं और मां अनिता मेहरा निजी स्कूल में बतौर प्रिंसीपल कार्य कर रही हैं। बचपन से ही आईएएस बनने सपना पाले हर्षिका ने बताया कि वह इस सेवा के माध्यम से देश की सेवा करना चाहती है। छात्रा खोखो- साइक्लिंग में रुचि रखती है। इसके अलावा डांसिंग का भी शौख है। सनराइज एकेडमी नाथद्वारा में अध्ययनरत छात्रा ने अपनी उम्र के युवाओं से कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। इसके लिए लक्ष्य निधाZरित कर मेहनत करनी पड़ती है। लक्ष्य अपने आप मिल जाता है। उसने बताया कि लगातार छह से सात घंटे पढ़ाई को दिए। उन्होंने अपनी सफलता श्रेय परिजनों, स्कूल स्टाफ को दिया है।