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मिली जानकारी अनुसार सभी स्कूलों में छमाही परीक्षा बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर एक साथ होगी। इसके लिए समय-सारणी और प्रश्न पत्र माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा ही तय किया जाएगा। बोर्ड की तर्ज स्थानीय परीक्षा होने से शिक्षकों पर भी परिणाम को लेकर दबाव रहेगा। बता दें कि आठवीं कक्षा तक जनरल प्रमोशन देना है यानि कोई भी बच्चा फेल नहीं होगा। इसे लेकर शिक्षाविदों की कई तरह की राय है। कुछ शिक्षाविद इस व्यवस्था को बच्चों को पढ़ाई में पंगु बनाने वाला बताते हैं। जनरल प्रमोशन के कारण बच्चे पढ़ाई में ढिलाई बरतते हैं, लेकिन हाई व हायर सेकेंडरी की परीक्षा खास कर माशिमं की परीक्षा में इसका असर देखने को मिलता है।
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अद्र्धवार्षिक परीक्षा परिणाम के आधार पर ही कमजोर परफॉर्मेंस करने वाले बोर्ड कक्षा वाले बच्चों को विशेष कोचिंग दी जाएगी। बोर्ड कक्षाओं का कोर्स पूरा कराने के लिए अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई जाएगी। इसके लिए शीतकालीन अवकाश के दौरान भी कक्षाएं लगाई जा सकती है। बता दें कि 1 मार्च से बोर्ड की परीक्षाएं होती है। ऐसे में अब छमाही परीक्षा और शीतकालीन छुट्टी के बीच बोर्ड परीक्षा के लिए गिनती के दिन रह गए हैं। बता दें कि दिवाली छुट्टी के बाद 17 नवंबर से स्कूलें फिर खुल गई है।