यह भी पढ़ें
Ration Card से कट जाएगा 2 लाख 74 हजार लोगों का नाम, नए नियम के तहत होगा ये काम, जानिए अभी
बता दें कि गैस उपभोक्ताओं की पहचान ओर फर्जी ढंग से लिए कनेक्शन को रद्द करने के उद्देश्य से ई-केवाइसी कराया जा रहा है। इसमें फर्जी ढंग से सब्सिडी पाने वाले उपभोक्ताओं की भी पहचान हो जाएगी। कई ग्राहक ऐसे होते हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। कई लोग लंबे समय से रिफिलिंग नहीं करा रहे हैं। कुछ लोग इधर से उधर चले जाते हैं, ऐसे कनेक्शन का दुरुपयोग होता है। ऐसे ही फर्जीवाड़े को पकडऩे के लिए उपभोक्ताओं का ई-केवाइसी कराया जा रहा है।
यह भी पढ़ें
जंगल गए पति-पत्नी और भाभी पर भालू ने किया हमला, फिर जो हुआ.. दहशत में आए लोग
बता दें कि राजनांदगांव जिले में तकरीबन तीन लाख घरेलू गैस कनेक्शन है। आंकड़ों के अनुसार जिले के 92 फीसदी परिवारों ने गैस सिलेंडर कनेक्शन ले रखी है। मात्र 8 फीसदी ऐसे परिवार है, जिनके नाम से कनेक्शन नहीं दिया गया है। इन परिवारों को भी पीएम उज्जवला योजना-2 के तहत गैस सिलेेंडर देने के निर्देश मिल चुके हैं, कोई भी परिवार जिनके पास कनेक्शन नहीं है, वे अपने पास की एजेंसी में आवेदन कर कनेक्शन प्राप्त कर सकता है।
8 हजार लोगों को नया कनेक्शन बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने उज्जवला गैस कनेक्शनधारियों को 5 सौ रुपए में सिलेंडर देने की घोषणा की है। इसके साथ ही कुछ महीने बाद लोकसभा चुनाव होना है। यही कारण है कि योजना के दूसरे चरण की भी शुरुआत हो चुकी है। राजनांदगांव जिले में 8 हजार लोगों को कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।
पांच साल पुरानी पाइप को बदलने का नियम
पांच साल पुरानी पाइप को बदलने का नियम
इंडेन गैस एजेंसी के संचालक नरेंद्र डाकलिया ने बताया कि नियमत: गैस सिलेंडर
की पाइप को पांच साल में बदलना है। ऐसे में जो ग्राहक पांच साल पहले पाइप लिए थे, उनका ही पाइप बदला जा रहा है। दूसरे ग्राहकों के कनेक्शन की गैस पाइप नहीं बदली जार रही।
की पाइप को पांच साल में बदलना है। ऐसे में जो ग्राहक पांच साल पहले पाइप लिए थे, उनका ही पाइप बदला जा रहा है। दूसरे ग्राहकों के कनेक्शन की गैस पाइप नहीं बदली जार रही।
2017 के बाद हमारे पास आंकड़े नहीं
&खाद्य विभाग के पास गैस कनेक्शनधारियों का आंकड़ा नहीं है। हमारे पास 2017 के आंकड़े हैं। इसके बाद से आइल कंपनियों के माध्यम से सीधे कनेक्शन का वितरण किया जा रहा। कंपनियां ही आंकड़े बता पाएंगी।
&खाद्य विभाग के पास गैस कनेक्शनधारियों का आंकड़ा नहीं है। हमारे पास 2017 के आंकड़े हैं। इसके बाद से आइल कंपनियों के माध्यम से सीधे कनेक्शन का वितरण किया जा रहा। कंपनियां ही आंकड़े बता पाएंगी।
भूपेंद्र मिश्रा, जिला खाद्य अधिकारी