आाकर्षक प्रवेश द्वार, झरना भी बनाएंगे
मंदिर परिसर को भव्य रूप से आकर्षक बनाने 10 करोड़ रुपए की लागत से कॉरिडोर निर्माण करने की कार्ययोजना है। मंदिर परिसर में आकर्षक प्रवेश द्वार, देवी-देवताओं की मूर्तियां, म्यूजिकल झरना, गार्डन, संग्रहालय, व्यवस्थित दुकानें, लाइब्रेरी, श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए सर्वसुविधा युक्त विश्रामगृह, व्यवस्थित पार्किंग स्थल सहित अन्य आकर्षक साज-सज्जा करने का प्रस्ताव बनाया गया है। इसके लिए इंजीनियरों से डिजाइन तैयार करने की तैयारी की जा रही है।
मंदिर परिसर को भव्य रूप से आकर्षक बनाने 10 करोड़ रुपए की लागत से कॉरिडोर निर्माण करने की कार्ययोजना है। मंदिर परिसर में आकर्षक प्रवेश द्वार, देवी-देवताओं की मूर्तियां, म्यूजिकल झरना, गार्डन, संग्रहालय, व्यवस्थित दुकानें, लाइब्रेरी, श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए सर्वसुविधा युक्त विश्रामगृह, व्यवस्थित पार्किंग स्थल सहित अन्य आकर्षक साज-सज्जा करने का प्रस्ताव बनाया गया है। इसके लिए इंजीनियरों से डिजाइन तैयार करने की तैयारी की जा रही है।
नवरात्रि में होती है भीड़, राहत मिलेगी
नवरात्र के दौरान प्रदेश सहित देश के कई जगहों से मां बम्लेश्वरी का दर्शन करने भक्त बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। कई भक्त 1100 सीढ़ी चढ़कर माता के दरबार पहुंचते हैं। वहीं कई भक्त रोप-वे के माध्यम से मां का दर्शन करने जाते है। नवरात्र के दौरान रोप-वे में आवाजाही के लिए काफी भीड़ उमड़ती है और भगदड़ की स्थिति निर्मित हो जाती है। वहीं एक ही रोप-वे होने से भक्तों का कई घंटे इंतजार करना पड़ता है। दो जगहों पर रोप-वे का संचालन होने से भीड़ कम होगी और भक्तों को माता के दरबार में पहुंचने आसानी होगी।
नवरात्र के दौरान प्रदेश सहित देश के कई जगहों से मां बम्लेश्वरी का दर्शन करने भक्त बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। कई भक्त 1100 सीढ़ी चढ़कर माता के दरबार पहुंचते हैं। वहीं कई भक्त रोप-वे के माध्यम से मां का दर्शन करने जाते है। नवरात्र के दौरान रोप-वे में आवाजाही के लिए काफी भीड़ उमड़ती है और भगदड़ की स्थिति निर्मित हो जाती है। वहीं एक ही रोप-वे होने से भक्तों का कई घंटे इंतजार करना पड़ता है। दो जगहों पर रोप-वे का संचालन होने से भीड़ कम होगी और भक्तों को माता के दरबार में पहुंचने आसानी होगी।
पहले कोलकाता की कंपनी चला रही थी
नगर पालिका डोंगरगढ़ द्वारा पहले रोप-वे का संचालन किया जा रहा था। रोप-वे का संचालन करने कलकत्ता कीी एक कंपनी से करार हुआ था। करार का समय सीमा समाप्त होने के बाद कंपनी ने संचालन बंद कर दिया। इस दौरान फिर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन इस पर राजनीतिकरण की वजह से टेंडर नहीं हो पाया और रोपवे का संचालन पिछले चार साल से बंद है। ट्रस्ट समिति द्वारा नए सिरे से दूसरी जगह रोप-वे का संचालन किया जा रहा है। पुरानी जगह पर फिर से रोप-वे का संचालन करने ट्रस्ट समिति द्वारा राज्य सरकार को प्रप्रोजल भेजा गया है।
नगर पालिका डोंगरगढ़ द्वारा पहले रोप-वे का संचालन किया जा रहा था। रोप-वे का संचालन करने कलकत्ता कीी एक कंपनी से करार हुआ था। करार का समय सीमा समाप्त होने के बाद कंपनी ने संचालन बंद कर दिया। इस दौरान फिर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन इस पर राजनीतिकरण की वजह से टेंडर नहीं हो पाया और रोपवे का संचालन पिछले चार साल से बंद है। ट्रस्ट समिति द्वारा नए सिरे से दूसरी जगह रोप-वे का संचालन किया जा रहा है। पुरानी जगह पर फिर से रोप-वे का संचालन करने ट्रस्ट समिति द्वारा राज्य सरकार को प्रप्रोजल भेजा गया है।
श्रद्धालुओं को सुविधा देने मां बम्लेश्वरी मंदिर परिसर में एक और रोप-वे संचालन करने राज्य सरकार को प्रप्रोजल भेजा गया है। वहीं उज्जैन व बनारस की तर्ज पर कॉरिडोर के अलावा ध्यान केन्द्र और संग्रहालय निर्माण किया जाएगा। कॉरिडोर के लिए जमीन का चिन्हांकन कर प्रप्रोजल तैयार कर लिया गया है। राशि के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
मनोज अग्रवालअध्यक्ष डोंगरगढ़ मंदिर ट्रस्ट समिति