राजगढ़ के बड़वेली गांव में यह दर्दनाक वाकया हुआ। यहां के प्रेमनारायण दांगी की मां भूलीबाई की मौत हो गई जिसके बाद से ही वे काफी दुखी हो उठे थे। उन्होंने किसी तरह मां की तेरहवीं की और कार्यक्रम के तुरंत बाद वे भी चल बसे। मां की तेरहवीं में आए रिश्तेदारों ने बेटे प्रेमनारायण दांगी को भी अंतिम विदाई दी।
यह भी पढ़ें : Breaking – एमपी में बड़ा हादसा, एयरक्राफ्ट क्रेश, इंजन फेल होने से हुआ हादसा परिजनों और रिश्तेदारों ने बताया कि मां की तेरहवीं की पूजा और रस्में आदि पूरी कर प्रेमनारायण थोड़ी देर सोने की कहकर अपने कमरे में चले गए थे। बहुत देर तक नहीं जागे तब पत्नी पहुंची लेकिन उनके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। प्रेमनारायण की मौत हो चुकी थी।
भूलीबाई के तीन बेटों में 43 साल के प्रेमनारायण सबसे छोटे थे। उन्हें मां से बेहद लगाव था। प्रेमनारायण अक्सर कहा करते थे कि मां के बिना वे जी नहीं सकेंगे। कुछ ऐसा ही हुआ भी। 27 जुलाई को मां भूलीबाई की मौत हो गई जिससे दुखी बेटे प्रेमनारायण ने 8 अगस्त को यानि 13 दिनों में ही दम तोड दिया।
प्रेमनारायण के बेटे ने बताया कि समाज की परंपरा के मुताबिक तेरहवीं की रस्में निपटाकर पापा सोने चले गए।
एक घंटे बाद मम्मी उन्हें दोबारा उठाने पहुंची लेकिन पापा के शरीर में कोई हलचल नहीं हुई। उन्हें तुरंत खिलचीपुर अस्पताल लेकर पहुंचे जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एक घंटे बाद मम्मी उन्हें दोबारा उठाने पहुंची लेकिन पापा के शरीर में कोई हलचल नहीं हुई। उन्हें तुरंत खिलचीपुर अस्पताल लेकर पहुंचे जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।