10 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
मंगलवार शाम को हुए इस हादसे की सूचना बच्ची के परिजनों ने पुलिस प्रशासन को दी थी। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू कर दिया था। करीब 10 घंटे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मासूम माही को सुरक्षित निकाला गया था। तब तक माही की सांसें चल रही थीं। लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान माही की मौत हो गई। मामले में एसपी धर्मराज मीना ने बताया कि यह मामला बोदा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत पिपलिया रसोदा गांव का है। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने बोरवेल शाफ्ट के अंदर बच्ची को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई थी। रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के पास ही सुरंग बनाकर बच्ची को निकाला गया था। माही को इलाज के लिए भोपाल लाया गया था, यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मुख्यमंत्री ने किया था ट्विट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट (ट्विटर) पर कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं। उन्होंने लिखा, ‘एसडीईआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश कर रही हैं। मैं स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क में हूं। हम बच्ची को सुरक्षित बाहर लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। वहीं नव नियुक्त विधायक मोहन शर्मा पूरे समय घटना स्थल पर ही मौजूद थे।
माही के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही कमलनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था, ‘राजगढ़ जिले के पिपलिया रसोड़ा गांव में छोटी बच्ची के बोरवेल में गिरने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि बचाव दल को सफलता मिले और बच्ची सकुशल बाहर निकाली जा सके।’
मंदिर में की प्रार्थना, मस्जिद में दुआएं नहीं आईं काम
हादसे की जानकारी जिसे भी मिली उसी ने बच्ची की जिंदगी के लिए दुआएं मांगना शुरू कर दी थीं। रेस्क्यू के साथ ही दुआओं का दौर भी चला। हादसे के कारण जहां माही के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। वहीं दूसरी ओर लोगों की दुआओं का दौर भी जारी था। मंदिर हो चाहे मस्जिद हर प्रार्थना में बच्ची की जिंदगी की दुआ मांगी जा रही थी। लेकिन अफसोस माही की जिंदगी नहीं बच सकी।