रायपुर

Vijay Sharma Big Decision: अब शुद्ध हिंदी का प्रयोग करेगी छत्तीसगढ़ पुलिस! जामा तलाशी, फौत..जैसे शब्द को हटाने गृहमंत्री ने लिखा पत्र

Vijay Sharma Big Decision: उप-मुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने राज्य पुलिस द्वारा उपयोग किए जा रहे उर्दू, फारसी के शब्दों को हटाकर इनकी जगह सरल हिंदी शब्द जोड़ने के लिए अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।

रायपुरJun 19, 2024 / 10:02 am

Khyati Parihar

Vijay Sharma Big Decision: जामा तलाशी, फौत, मजरूब और मुजामत सहित अन्य शब्दों को हिन्दी में क्या कहा जाता है। जबकि पुलिसकर्मियों तक को अधिकांश की हिन्दी शब्दावली तक नहीं मालूम है। किसी की मौत होने पर उसे फौत, तालातोड़ कर चोरी करने पर नकबजनी, आमददरफ्त यानी गुमशुदा और गायब होना है। इसके बाद भी एफआईआर लिखते समय इसका उपयोग किया जा रहा है।
सामान्य बोलचाल के दौरान यह प्रचलन में नहीं है। फिर भी अरसे से पुलिस महकमे के द्वारा 69 से ज्यादा उर्दू, फारसी और अन्य भाषाओं के जटिल शब्दों का का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन जटिल शब्दावली को आम नागरिक भी नहीं समझ पाते। इसके बाद भी पुलिसकर्मियों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। लेकिन जल्दी ही इनकी पुलिस महकमे से विदाई होगी।
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इनके स्थान पर सरल हिन्दी भाषा का उपयोग किया जाएगा। बता दें कि अंग्रेजों ने भारत में 1861 में पुलिसिंग और कानून व्यवस्था के लिए पुलिस अधिनियम लागू किया था। इसके बाद हिन्दी भाषी राज्यों में अरबी, उर्दू, फारसी और अन्य भाषाओं का उपयोग किया जा रहा है। अंग्रेजों ने अपनी सहूलियत के हिसाब से इसका उपयोग जारी रखा। हालांकि देश को आजाद हुए इन 75 सालों में अधिकांश राज्यों में हिन्दी, अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इनका शब्दों का उपयोग

चिक खुराक – थाने में आरोपित के खाने पर हुआ खर्च
नकल रपट – किसी लेख की नकल
नकल चिक – एफआइआर की प्रति
मौका मुरत्तिब – घटनास्थल पर की गई कार्रवाई
बाइस्तवा – शक, संदेह,
तरमीम – बदलाव करना अथवा बदलना
चस्पा – चिपकाना
जरे खुराक – खाने का पैसा
जामा तलाशी- वस्त्रों की छानबीन
बयान तहरीर – लिखित कथन
नक्शे अमन- शांति भंग
माल मसरूका- लूटी अथवा चोरी गई संपत्ति,
मजरूब- पीड़ित
मुजामत- झगड़ा
मुचलका- व्यक्तिगत पत्र
रोजनामचा आम- सामान्य दैनिक
रोजनामचा खास- अपराध दैनिक
सफीना – बुलावा पत्र
हाजा – स्थान अथवा परिसर
अदम तामील- सूचित न होना
अदम तकमीला- अंकन न होना
अदम मौजूदगी – बिना उपस्थिति
अहकाम- महत्वपूर्ण
गोस्वारा – नक्शा
इस्तगासा- दावा, परिवाद
इरादतन – साशय
गैर इरादतन — बिना किसी योजना
कब्जा- आधिपत्य
कत्ल/कातिल/कतिलाना – हत्या,वध/हत्यारा/प्राण-घातक
गुजारिश – प्रार्थना, निवेदन
गिरफ्तार/हिरासत – अभिरक्षा
नकबजनी – गृहभेदन, सेंधमारी
चश्मदीद गवाह – प्रत्यक्षदर्शी, साक्षी

Vijay Sharma Big Decision: गृहमंत्री ने एसीएस को लिखा पत्र

उप-मुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने राज्य पुलिस द्वारा उपयोग किए जा रहे उर्दू, फारसी के शब्दों को हटाकर इनकी जगह सरल हिंदी शब्द जोड़ने के लिए अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इसमें पुलिस महकमे द्वारा लिखा-पढ़ी और बोलचाल में उर्दू, फारसी के शब्दों की जगह सरल हिंदी शब्दों का प्रयोग करने कहा गया है। ताकि आम जनता और पीडि़त नागरिकों को पुलिस की कार्यप्रणाली समझ आए। बता दें कि मध्यप्रदेश पुलिस ने उर्दू के शब्दों का प्रयोग नहीं करने का निर्णय लिया है।

रोजनामचा से लेकर एफआईआर और केस डायरी में उपयोग

पुलिस थाना में रोजाना होने वाले घटनाक्रम और अन्य घटनाक्रम को शिकायती आवेदन को रजिस्टर में दर्ज करती है। इस रोजनामचा रजिस्टर से लेकर एफआईआर और प्रकरण की जांच करने के बाद कोर्ट में पेश की जाने वाली केस डायरी में इनका उपयोग करती है।

Vijay Sharma Big Decision: टॉपिक एक्सपर्ट राज्य सरकार की अच्छी पहल

पुलिस महकमे में कुछ जटिल शब्दों का उपयोग किया जा रहा है। कुछ शब्द ऐसे हैं जिन्हें आम नागरिक से लेकर पुलिसकर्मियों को समझने में परेशानी होती है। इन इस्तेमाल किए जा रहे शब्दों को हिन्दी में बदलना एक अच्छी पहल है और इसे अमल में लाया जाना चाहिए।
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