यह भी पढ़ें: CG Crime: पत्नी को लेने ससुराल गया था पति, विवाद होने पर 15 दिन के बच्चे पर पेट्रोल डाल दिया पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, घटना के बाद से ही प्रवीण सिंह उर्फ पिन्नू पुलिस से बचने के लिए लगातार फरार चल रहा था। इंटेलीजेंस इनपुट और तकनीकी विश्लेषणों से जानकारी मिली कि वह अलग-अलग राज्यों में अपनी लोकेशन बदल रहा था। इस पर तेलीबांधा पुलिस और एंटी इम एंड साइबर यूनिट की संयुक्त टीम ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कई जगह दबिश दी। अंतत: सूचना के आधार पर प्रवीण को सिरसा, हरियाणा में उसके परिचित के घर से पकड़ा गया।
गिरफ़्तारी के दौरान की गई छापेमारी
प्रवीण सिंह उर्फ पिन्नू को पकड़ने के लिए सिरसा में की गई रेड के दौरान पुलिस ने घेराबंदी कर खेत और मकान के आसपास छापेमारी की। इस दौरान पुलिस को दो व्यक्ति मिले, जिन्होंने अपने नाम प्रवीण सिंह निवासी सिरसा और राम सिंह निवासी हिसार बताया। पूछताछ में प्रवीण सिंह ने तेलीबांधा स्थित पी.आर.ए. ऑफिस में अपने साथी सागर निवासी मनसा, पंजाब के साथ मिलकर फायरिंग की घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की। राम सिंह की भूमिका: राम सिंह पहले से गिरफ्तार आरोपी सागर का रिश्तेदार है। उन्होंने प्रवीण सिंह को पुलिस से बचाने के लिए अपने घर में पनाह दी थी। दोनों की मुलाकात सिरसा की जेल में हुई थी, जहां वे पहले बंद थे। पुलिस को इस मामले में राम सिंह की संलिप्तता भी संदिग्ध लगी, इसलिए उसे भी गिरतार कर लिया गया।
बढ़ते अपराध और बिश्नोई गैंग की पकड़
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बढ़ते अपराध के मामलों ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिश्नोई गैंग की गतिविधियों में वृद्धि ने आम जनता के बीच डर का माहौल बना दिया है। पुलिस की सहायता के बावजूद इस प्रकार की घटनाओं का बढ़ना चिंता का विषय है। बिश्नोई गैंग की धमक को काबू में करने के लिए पुलिस को और कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि शहर में शांति और सुरक्षा बनी रहे। इस घटना ने एक बार फिर इस बात को साबित किया है कि अपराधियों का नेटवर्क कितना मजबूत है और वे कैसे कानून की पकड़ से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन पुलिस की सहायता से यह संदेश भी स्पष्ट हो गया है कि अपराधियों के लिए छिपने की कोई जगह नहीं है और कानून का शिकंजा हर हाल में उन पर कसा जाएगा।