मेजर शमशेर सिंह कक्कड़ ने 1971 में और हवलदार चित्रसेन अनंनत ने कारगिल युद्ध में। 1971 के भारत पाक युद्ध में मेजर शमशेर सिंह कक्कड़ दुश्मन की पोस्ट की ओर आगे बढऩे के दौरान लैंड माइन में पैर पडऩे के उनके बांये पैर के चीथड़े उड़ गए थे।
देश के प्रति उनका प्रेम इस कदर रहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी उन्होंने लकड़ी के पैरों के सहारे 20 साल और आर्मी में ही नौकरी की। अब वो अपना अनुभव स्कूल, कॉलेज, एनसीसी कैंप, सामाजिक कार्यो में देते रहे हैं। दूसरी ओर 11 महार रेजिमेंट के हवलदार चित्रसेन अनंनत ने कारगिल युद्ध लैंड माइंस के फटने पर एक टुकड़ा उनकी रीढ़ की हड्डी में लग जाने से चलने फिरने के लायक भी नहीं रहे। लेकिन इसके बाद भी हौसला एेसा रहा कि अपने गांव युवाओं को नशे गलत संगतियों से दूर रहने की सलाह देते हुए घर में ही आर्मी में भर्ती की तैयारी करा रहे हैं।