बता दें कि शासकीय भूमि पर बने आलीशान सामुदायिक भवन को खाली करने राजश्री सद्भावना समिति ने निगम की नोटिस दिया था। 21 फरवरी को जोन कमिश्नर डीके कोसरिया ने नोटिस में 72 घंटे के अल्टीमेटम का दिया था।
पड़ताल में पता चला है कि नगर निगम ने पूरी प्लानिंग के तहत तीन करोड़ में सर्वसुविधायुक्त निर्माण कराया था। गुरु घासीदास वार्ड 49 के तेलीबांधा में शताब्दी नगर के इस आलीशान सामुदायिक भवन से लगा हुआ पूर्व मंत्री शिव डहरिया का पुराना मकान है। उस पूरे कैम्पस को 15 फीट ऊंची बाउंड्री से घेरा गया है और सामने भारी-भरकम लोहे का गेट लगाया गया है। यहां पहुंचने पर यह साफ नजर आता है कि ऐसे आलीशान सामुदायिक भवन में प्रवेश करना टेढ़ी खीर जैसा है।
2022 में शिव डहरिया नगरीय प्रशासन मंत्री थे, इसलिए सरकारी खजाने से उनके आवास परिसर के दायरे में सर्वसुविधायुक्त सामुदायिक भवन बनाने का प्लान तैयार हुआ था। उसी आधार पर निगम की एमआईसी ने बिना देर किए उनकी पत्नी के नाम वाली समिति को आवंटित करने में गरीबों के अटल आवास वाली 12,000 वर्ग फीट जमीन में खासी रुचि दिखाई। नतीजा, उसी आलीशान सामुदायिक भवन में पूर्व मंत्री डहरिया और उनकी पत्नी शकुन डहरिया का कब्जा हो गया।
निगम द्वारा जिस आलीशान सामुदायिक भवन का निर्माण कराया और उसमें लग्जरियस उपभोग की महंगी वस्तुएं मुहैया कराई है, उस समिति की शकुन डहरिया अध्यक्ष हैं। उन्होंने जोन-10 कमिश्नर दिनेश कोसरिया को 7 जून 2022 को जो पत्र भेजा था, उसमें सिर्फ इतना लिखा है कि शताब्दी नगर में निर्मित सामुदायिक भवन का संचालन/हस्तांतरण की अनुमति दी जाए।