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इससे पहले राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और एंटीकरप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम निलंबित एडीजी जीपी सिंह और उनके परिजनों के बैंक खातों, बीमा और विभिन्न निवेश की जांच करने में जुटी हुई है। इसके लिए सभी बैंकों और बीमा कंपनियों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है। साथ ही निवेश की जानकारी जुटाने सीए और आयकर विभाग से ब्यौरा मांगा गया है।यह भी पढ़ें: एडीजी जीपी सिंह के ठिकानों से मिले कई गोपनीय दस्तावेज, जिसमें सरकार के खिलाफ लिखी आपत्तिजनक बातें
टैक्स रिटर्न पर नजर
निलंबित एडीजी और उनके परिजनों के आय की जांच करने के लिए आयकर विभाग से टैक्स रिटर्न की रिपोर्ट मांगी गई है। इसकी जानकारी मिलने पर टैक्स चोरी करने के साथ ही अन्य साधनों से होने वाली आय का सुराग मिलेगा। साथ ही अचल संपत्तियों का ब्यौरा भी मिलने की संभावना जताई जा रही है।
जमीन और रियल स्टेट में निवेश
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शेल कंपनी के जरिए मनीलाड्रिंग
कागजों में बनाई गई शेल कंपनियों के माध्यम से मनीलाड्रिंग करने की जानकारी मिली है। करीब 50 शेल कंपनियों का गठन करने के इनपुट मिले है। विभागीय टीम इसकी जांच करने के साथ ही रकम का ब्यौरा भी एकत्रित कर रहे है। सूत्रों का कहना है कि कोलकाता और ओडिशा में शेल कंपनियों का संचालन करना दिखाया गया है।
सर्च वारंट होगा जमा
विशेष न्यायालय से सर्च वारंट लेकर ईओडब्ल्यू द्वारा 17 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। सभी ठिकानों पर तलाशी का काम पूरा करने के बाद टीम लौट गई है। इस दौरान चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज, नगदी रकम, कम्प्यूटर और अन्य सामान जब्त किया गया था। लेकिन, इसकी सूची अब कोर्ट को नहीं सौंपी गई है। बताया जाता है कि अभी भी टीम के कुछ सदस्य गोपनीय रूप से कोलकाता,कटक और क्योंझर गए हुए है। उनके लौटने के बाद जब्त किए गए दस्तावेजों को जमा किया जाएगा।